एलओसी पर पाकिस्तानी फायरिंग से बढ़ा तनाव, लगातार 5वें दिन की फायरिंग, भारत ने दिया करारा जवाब

KNEWS DESK-  28-29 अप्रैल की रात को नियंत्रण रेखा (एलओसी) एक बार फिर गोलियों की आवाज़ से गूंज उठी, जब पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर सेक्टर में छोटे हथियारों से गोलीबारी की। यह लगातार पांचवां दिन था जब पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर का उल्लंघन किया गया। भारतीय सेना ने इस उकसावे का प्रभावी और निर्णायक जवाब दिया है।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत और 15 से अधिक के घायल होने के बाद से ही कश्मीर घाटी में हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सिग्नल इंटेलिजेंस और सीमा पार की गतिविधियों के आधार पर इस हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया है।

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान की कई चौकियों को निशाना बनाया। इससे पहले भी 26-27 अप्रैल की रात टुटमारी गली और रामपुर सेक्टर में इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति और सेना की तैयारियों से अवगत कराया। उनकी यह मुलाकात एलओसी पर हुई ताजा फायरिंग के कुछ घंटों के भीतर हुई।

भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित करना और भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी के एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करना शामिल है। यह कदम पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देने के लिए उठाया गया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।

एलओसी पर लगातार हो रही गोलीबारी को देखते हुए सेना और अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया गया है और सीमावर्ती गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। भारत सरकार इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से ले रही है और हर संभावित चुनौती के लिए तैयार है।

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