पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का सेना को संबोधन, कहा- “हमारी सेना जंग के लिए तैयार है”

KNEWS DESK-  22 अप्रैल को कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। हमले के बाद पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए भारत ने इसे पाकिस्तान की संलिप्तता के रूप में पेश किया और बदला लेने की कसम खाई। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन आरोपों को नकारते हुए पाकिस्तान की सेना को संबोधित किया और अपनी ओर से स्पष्ट किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की हमेशा निंदा करता है और इस जंग के खिलाफ उसने कई बलिदान दिए हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की सेना को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा से अग्रणी रहा है, और हमने इस राह में कई शहादतें दी हैं। पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है, यह केवल एक ब्लेम गेम है और हमें बदनाम करने की साजिश है।”

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान हर तरह की जांच में सहयोग देने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही पाकिस्तान को बदनाम करने के प्रयासों को नकारा किया। शरीफ ने पाकिस्तानी सेना को सावधान करते हुए कहा, “हमारी सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमारी सेना पाकिस्तान की एक-एक इंच भूमि की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।”

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने शांति की प्राथमिकता की बात की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान की कमजोरी को कोई भी न समझे। उन्होंने सिंधु जल समझौते पर भी भारत के रुख को लेकर कड़ा बयान दिया और धमकी दी कि यदि भारत पानी रोकने की कोशिश करेगा, तो पाकिस्तान पूरी ताकत से इसका जवाब देगा। उनका कहना था, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन अगर हमारी जल आपूर्ति में कोई हस्तक्षेप किया गया, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।”

शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन का समापन एक शेर से किया, जिसमें उन्होंने कहा: “खून ए दिल देकर निखारेंगे रुखे गुलाब हमने गुलशन के तहफ्फुज की कमस खाई है” यह शेर पाकिस्तान के संघर्ष और उसके अदम्य साहस को दर्शाता है, जो किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार है।

22 अप्रैल को कश्मीर घाटी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा किया गया माना जा रहा है। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि आतंकवाद के इस कृत्य में पाकिस्तान का हाथ हो सकता है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले से दोनों देशों के रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं, और स्थिति किसी भी समय बड़े संघर्ष में बदल सकती है। फिलहाल, शांति की स्थिति बनी हुई है, लेकिन भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपनी सेनाओं को तैयार रखने की बात कर रहे हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच यह स्थिति युद्ध की ओर बढ़ सकती है? भारत और पाकिस्तान के बीच पहले भी कई बार सीमा पर संघर्ष हुआ है, और इस बार भी परिस्थितियां बहुत जटिल होती जा रही हैं। हालांकि, दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध का ऐलान नहीं किया है, लेकिन सैन्य तैयारियों और बयानबाजी से साफ है कि दोनों देशों की सेनाएं सतर्क हैं।

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