पहलगाम हमले की जांच कर रही टीम ने किया बड़ा खुलासा, इस आधार से धर्म की पुष्टि कर उतारा गया लोगों को मौत के घाट

KNEWS DESK- बीती 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त जांच टीम ने पहलगाम हमले में धर्म के आधार पर आतंकियों द्वारा पुष्टि करने के तरीके का खुलासा किया है। जांच टीम के मुताबिक आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से 26 लोगों में से कुछ की पैंट नीचे उतरी हुई थी और कुछ की पैंट की जिप खुली हुई थी। जांच टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकियों ने लोगों के खतना चिह्न को देखकर ही धर्म की पहचान की है।

हालांकि हमले से बचकर आये लोगों और मृतकों के परिजनों के अनुसार आतंकियों ने नाम के आधार पर भी धर्म की पुष्टि की। आतंकियों ने लोगों से कलमा भी पढ़ाया। इस आधार पर आतंकियों ने तीन तरीके से धर्म की पुष्टि करते हुए गैर मुस्लिम लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी।

22 अप्रैल को हुआ था बड़ा नरसंहार

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक नागरिक हमला माना जा रहा है। हमलावरों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया। कुछ चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने पुरुषों से कलमा पढ़ने को कहा, और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। कुछ मामलों में, पुरुषों को उनके धर्म की पहचान के लिए कपड़े उतारने को मजबूर किया गया। एक स्थानीय पोनी ऑपरेटर, सैयद आदिल हुसैन शाह, ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश की और हमलावरों से भिड़ गए, लेकिन उन्हें भी गोली मार दी गई।

हमले के बाद भारत सरकार ने लिए थे बड़े कदम

इस हमले के बाद भारत सरकार ने बड़े कदम उठाते हुए भारत ने अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला किया है। इसके अलावा, देश ने सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत जारी किए गए सभी वीजा को रद करने का फैसला किया है और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था। भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। सुरक्षा उपाय के रूप में, भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है।​