ऑस्कर 2026 में बड़ा बदलाव: अब वोटिंग से पहले सभी नॉमिनेटेड फिल्में देखना होगा जरूरी

KNEWS DESK – ऑस्कर अवॉर्ड्स को और अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की दिशा में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने 98वें ऑस्कर के लिए कई अहम बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव न केवल वोटिंग प्रक्रिया को और मजबूत करेंगे, बल्कि तकनीकी और रचनात्मक श्रेणियों में नए मानकों को भी स्थापित करेंगे।

अब सभी फिल्में देखना होगा अनिवार्य

नए नियमों के तहत अब एकेडमी का कोई भी सदस्य अगर किसी श्रेणी में वोट देना चाहता है, तो उसे उस श्रेणी की सभी नामांकित फिल्मों को देखना अनिवार्य होगा। यह बदलाव पहले से BAFTA अवॉर्ड्स में लागू है और अब ऑस्कर में भी इसी तरह की पारदर्शिता और गंभीरता लाई जा रही है।

फिल्में देखने की पुष्टि के लिए “Academy Screening Room” नामक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा। अगर कोई सदस्य फिल्म को किसी अन्य माध्यम जैसे फिल्म फेस्टिवल, प्राइवेट स्क्रीनिंग या थियेटर में देखता है, तो उसे एक फॉर्म के जरिए इसकी जानकारी देनी होगी।

फाइनल वोटिंग बैलट में अब केवल फिल्म का नाम नहीं होगा, बल्कि उस फिल्म के लिए जिन व्यक्तियों को नामांकित किया गया है, उनके नाम भी दर्शाए जाएंगे। इससे वोटिंग और भी स्पष्ट और प्रभावशाली बन सकेगी।

ऑस्कर 2026 से एक नई श्रेणी “Achievement in Casting” जोड़ी गई है, जिसमें कास्टिंग डायरेक्टर्स को सम्मानित किया जाएगा। कास्टिंग ब्रांच 10 फिल्मों की शॉर्टलिस्ट बनाएगी, जिनकी प्रेजेंटेशन ‘बेक-ऑफ’ नामक विशेष इवेंट में होगी। प्रेजेंटेशन के बाद ही अंतिम नामांकनों के लिए वोटिंग की जाएगी।

सिनेमैटोग्राफी सहित 12 तकनीकी श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट प्रक्रिया

अब ‘बेस्ट सिनेमैटोग्राफी’ में भी पहले से 10-20 फिल्मों की शॉर्टलिस्ट बनाई जाएगी। इस बदलाव के साथ अब कुल 12 तकनीकी श्रेणियों में शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया लागू होगी। केवल प्रोडक्शन डिजाइन, कॉस्ट्यूम डिजाइन और फिल्म एडिटिंग को इससे बाहर रखा गया है।

डिजिटल दौर को ध्यान में रखते हुए पहली बार ऑस्कर ने जनरेटिव AI को लेकर भी नियम तय किए हैं। किसी फिल्म में AI या डिजिटल टूल्स के उपयोग से न ही उसे विशेष लाभ मिलेगा और न ही नुकसान। फिल्म की योग्यता का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाएगा कि उसमें इंसानों का असली रचनात्मक योगदान कितना है।