पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अगला पोप कौन? दुनिया की निगाहें 135 कार्डिनलों की वोटिंग पर टिकीं

KNEWS DESK-  पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन से लेकर अमेरिका, यूरोप और एशिया तक सिर्फ एक सवाल लोगों के मन में है—”अगला पोप कौन?” ईसाई जगत के सबसे बड़े धार्मिक पद की जिम्मेदारी अब किसे मिलेगी, इसका फैसला 135 कार्डिनल मिलकर करेंगे। परंपरा के अनुसार, पोप के चुनाव के लिए सभी कार्डिनल वेटिकन में एकत्रित होते हैं और वोटिंग के जरिए नया पोप चुना जाता है। नए पोप को चुनने के लिए जरूरी है कि किसी एक उम्मीदवार को कम से कम 100 वोट मिलें। इसके बाद ही वह पोप के पद पर आसीन हो सकता है।

इस बार के चुनाव में सबसे अधिक कार्डिनल इटली (17) से हैं। अमेरिका के 10, ब्राजील के 7, अर्जेंटीना और भारत से 4-4, कनाडा के 4, मैक्सिको के 2, और फिलिपींस से 3 कार्डिनल वोटिंग प्रक्रिया में भाग लेंगे। परंपरा के अनुसार, सिर्फ 80 साल से कम उम्र के कार्डिनल ही पोप के चुनाव में मतदान कर सकते हैं। इस नियम की वजह से इस बार युवाओं और उभरते महाद्वीपों की भागीदारी पहले से ज्यादा दिखाई दे रही है।

इनमें तीन कार्डिनल भारत में सक्रिय हैं और भारतीय चर्च व्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनकी भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि चर्च की वैश्विक राजनीति और नेतृत्व में भी प्रभावशाली बन रहा है।

हालांकि अभी तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन चर्च और धार्मिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार नया पोप एशिया, अफ्रीका या लैटिन अमेरिका से भी आ सकता है। इस बदलाव का संकेत कार्डिनलों की भौगोलिक विविधता से साफ तौर पर मिल रहा है। इस बार का पोप चुनाव न केवल धार्मिक नेतृत्व के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत देगा कि रोमन कैथोलिक चर्च अब एक वैश्विक संस्था के रूप में कितनी विविध और संतुलित होती जा रही है। एशिया और अफ्रीका की बढ़ती भागीदारी यह दर्शा रही है कि अब ईसाई धर्म के केंद्र बिंदु धीरे-धीरे पश्चिम से पूर्व की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं।

अब दुनिया की निगाहें वेटिकन पर हैं, जहां 135 कार्डिनल मिलकर तय करेंगे कि किसे मिलेगा पोप का ताज।

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