रोडवेज में भी हो सकेंगे संविदा कर्मियों के म्यूचुअल ट्रांसफर, ट्रांसफर की रहेगी ये शर्तें…

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में आउटसोर्सिंग (संविदा) कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आई है। परिवहन विभाग में कार्यरत कंडक्टर (परिचालक) को अब उनके ही जिले में नौकरी करने का अवसर मिल सकेगा। म्यूचुअल ट्रांसफर की घोषणा करते हुए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में परिचालकों को जहां नियुक्त किया जाता है, वहीं पर सेवा देनी होती है। लेकिन अब ऐसे परिचालक अपने जिले में ही नौकरी कर सकेंगे। इस फैसले से दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात परिचालकों को अपने गृह जनपद या उसके समीपस्थ स्थानों पर सेवा देने का अवसर मिलेगा.इससे उनकी अनुपस्थिति और अवकाश लेने की प्रवृत्ति में कमी आएगी, जिससे बसों का संचालन सुगमता से हो सकेगा।

म्यूचुअल ट्रांसफर की होंगी ये शर्तें

परिवहन विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग (संविदा) परिचालकों को म्यूचुअल ट्रांसफर तभी मिल सकेगा जब उन्होंने अपनी सेवा के कम से कम 6 माह पूर्ण कर लिए हो। अगर किसी कर्मचारी ने 6 माह पूर्ण नहीं हुए हैं पर उसने 30000 किमी तक बस में अपनी सेवाएं दे दी हों, उस कंडीशन में भी परिचालक म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए पात्र होगा। म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए दूसरे परिचालक से बात करके सहमति अनिवार्य होगी।

इन विभागों में पहले से ही है म्यूचुअल ट्रांसफर की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के कई विभागों में पहले से ही म्यूचुअल ट्रांसफर की व्यवस्था है। इन विभागों में बेसिक शिक्षा विभाग (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षक), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग आदि विभागों में कर्मचारी इस स्थानानंतरण नीति का फायदा उठा सकते हैं।