KNEWS DESK- पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा ने राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी और ‘उदासीनता’ पर तीखा हमला बोला है।
पूर्व लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत मुर्शिदाबाद का दौरा करना चाहिए, जहां हिंसा से गरीब हिंदू और मुस्लिम परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।” उन्होंने याद दिलाया कि ममता बनर्जी ने हाथरस और मणिपुर जैसी घटनाओं पर त्वरित राजनीतिक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन बंगाल के अंदर हुए दंगे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए पूछा, “क्या समसेरगंज और जंगीपुर जैसे इलाके ममता दीदी के लिए अछूत हो गए हैं?”
चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की मुख्यमंत्री लोगों की पीड़ा के बजाय स्काईवॉक उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। रविवार को ममता बनर्जी ने कोलकाता के कालीघाट मंदिर में स्काईवॉक का उद्घाटन किया था, जबकि उसी समय मुर्शिदाबाद हिंसा से जूझ रहा था।
चौधरी ने मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज जाकर घायल प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और दावा किया कि हिंसा उन तत्वों द्वारा की गई, जिनका शांतिपूर्ण विरोध से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल लोगों की मंशा वक्फ अधिनियम में बदलाव के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से अपनी बात रखना था। लेकिन प्रशासन की विफलता ने हालात को बिगाड़ दिया।”
मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान, समसेरगंज और जंगीपुर जैसे इलाकों में हिंसा ने व्यापक तबाही मचाई है। सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और इन इलाकों में अब केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है ताकि अफवाहों को रोका जा सके।
मुर्शिदाबाद टीएमसी का गढ़ रहा है, और यहां से अधीर रंजन चौधरी भी कई बार सांसद रह चुके हैं। हाल के चुनावों में वह टीएमसी उम्मीदवार यूसुफ पठान से हार गए थे, मगर उनकी पकड़ अब भी इस क्षेत्र में मजबूत मानी जाती है। उनका यह दौरा और आक्रामक रुख 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है।
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