KNEWS DESK- बेगूसराय में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रभावशाली पदयात्रा शुरू की, जिसमें उन्होंने बिहार के युवाओं के लिए रोजगार और न्याय की मांग को जोरदार तरीके से उठाया। इस यात्रा का नाम दिया गया है—”पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा”। कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर इस यात्रा के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि यह यात्रा बिहार के संघर्ष की आवाज और उम्मीद है।
कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को पलायन के लिए मजबूर न होने देना है। इसके बजाय, उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार के अवसर मिलें, ताकि वे अपने गृह राज्य में ही विकसित हो सकें। कांग्रेस ने कहा, “हम वर्षों से अन्याय झेल रहे राज्य के नौजवानों को ‘न्याय का हक’ दिलाकर रहेंगे।”
पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ हजारों कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और समर्थक भी चल रहे हैं। समर्थकों ने राहुल गांधी पर फूलों की बारिश की और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उनकी उपस्थिति ने यात्रा को और भी ऊर्जा और उत्साह प्रदान किया। इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ वामपंथी नेता कन्हैया कुमार भी मौजूद रहे, जिससे यात्रा को और अधिक राजनीतिक समर्थन मिला।
बेगूसराय की सड़कों पर राहुल गांधी के लिए जनता का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। लोग उनके स्वागत के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े, हाथों में झंडे और बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे थे। यह दृश्य दर्शाता है कि बिहार के युवा और आम जनता इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।कांग्रेस ने इस यात्रा के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य सिर्फ राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं के लिए ठोस रोजगार के अवसर और न्याय दिलाना है। यह यात्रा बिहार के लोगों के लिए एक नई आशा और संघर्ष की शुरुआत है।
बेगूसराय में राहुल गांधी की पदयात्रा ने न केवल बिहार के युवाओं की समस्याओं को उजागर किया है, बल्कि कांग्रेस के संकल्प को भी दर्शाया है कि वे न्याय और रोजगार के लिए लगातार लड़ेंगे। इस यात्रा ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई हलचल मचा दी है और युवाओं के भविष्य के लिए एक आशा की किरण बन गई है।
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