चोरी के आरोप लगने पर भड़के ‘लापता लेडीज’ के मेकर्स, कहा – ‘आज के दौर में किसी से…’

KNEWS DESK – हाल ही में रिलीज़ हुई किरण राव निर्देशित फिल्म ‘लापता लेडीज’ इन दिनों सोशल मीडिया पर विवादों में घिरी हुई है। यूज़र्स का दावा है कि फिल्म 2019 में आई एक अरबी शॉर्ट फिल्म ‘बुर्का सिटी’ की नकल है। ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक, फिल्म को ट्रोल किया जा रहा है और इसकी मौलिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पूरे विवाद पर अब फिल्म के लेखक बिप्लब गोस्वामी सामने आए हैं और उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

सोशल मीडिया ट्रोलिंग से मिला झटका

एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बिप्लब गोस्वामी ने बताया कि शुरुआत में उन्हें इस विवाद की खबर तक नहीं थी, क्योंकि वे सोशल मीडिया से दूर रहते हैं और पूरी तरह अपने काम में डूबे रहते हैं। जब टीम ने उन्हें यह जानकारी दी, तो वे हैरान रह गए। उनके शब्दों में, पहले झटका लगा, फिर गुस्सा आया। लोग बिना कुछ जाने इतना बड़ा इल्ज़ाम कैसे लगा सकते हैं?

बिप्लब ने सबसे बड़ा अफसोस इस बात का जताया कि किसी ने न उनसे और न ही निर्देशक किरण राव से संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “आज के दौर में किसी से संपर्क करना कोई मुश्किल काम नहीं है। फिर भी किसी ने ना सवाल पूछा, ना सच्चाई जाननी चाही। अगर एक बार भी कोई हमसे बात करता, तो ये सारा भ्रम दूर हो सकता था।

2014 में हो चुकी थी कहानी की रजिस्ट्रेशन

कॉपी के आरोपों पर जवाब देते हुए लेखक ने बताया कि ‘लापता लेडीज’ की कहानी उन्होंने 2014 में ही रजिस्टर करवा ली थी, जब ये एक शुरुआती आइडिया था। उन्होंने कहा, “ये स्क्रिप्ट मेरे दिल के बहुत करीब है और इसकी नींव बहुत पहले रखी गई थी। इसे किसी दूसरी फिल्म से जोड़ना हमारी पूरी मेहनत पर सवाल खड़ा करता है।”

टीम के लिए भावनात्मक झटका

बिप्लब ने आगे बताया कि फिल्म की पूरी टीम इस विवाद से आहत है। हर कलाकार और तकनीकी सदस्य ने फिल्म के लिए दिल लगाकर मेहनत की है। उन्होंने कहा, ऐसे निराधार आरोप किसी भी क्रिएटिव टीम का हौसला तोड़ सकते हैं। ये सिर्फ हमारी फिल्म नहीं, हमारी आत्मा का हिस्सा है।

लेखक ने अपनी बात खत्म करते हुए लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी रचनात्मक कार्य की आलोचना करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें। उन्होंने कहा, आजकल अफवाहें फैलाई जाती हैं और लोग उसे ही सच मान लेते हैं। लेकिन बिना सबूत के लगाए गए आरोप सिर्फ नुकसान पहुंचाते हैं — न सिर्फ लोगों की प्रतिष्ठा को, बल्कि उनकी मेहनत को भी।

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