KNEWS DESK- दिल्ली में ईद-उल-फितर का चांद दिखाई देने के बाद सोमवार, 31 मार्च 2025 को देशभर में यह पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया। देश के प्रमुख शहरों में मुसलमान अपने-अपने इलाकों की मस्जिदों और ईदगाहों में एकत्र होकर ईद की विशेष नमाज अदा की। लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ईद की नमाज के दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब नमाजियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध का संकेत दिया।
भोपाल में ईद की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में लोग काली पट्टी बांधकर मस्जिद पहुंचे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध में यह सांकेतिक कदम उठाने का आह्वान किया था। इस विरोध में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी शामिल थे। साथ ही, कुछ नमाजियों के हाथों में “प्रोटेक्ट फिलिस्तीन” के बैनर-पोस्टर भी देखे गए, जिससे विरोध की भावना और भी स्पष्ट हो गई।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के खिलाफ देशभर में विरोध देखा जा रहा है। इस विधेयक के अनुसार, अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में की जा सकती है। साथ ही, अगर किसी जमीन को वक्फ के रूप में दान नहीं किया गया है, तो उस पर बनी मस्जिद भी वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी।
इसके अलावा, वक्फ बोर्ड में अब दो महिलाओं और अन्य धर्म के दो सदस्यों को जगह दी जाएगी, जिसे कुछ धार्मिक संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इन बदलावों के कारण मस्जिदों, दरगाहों, मदरसों, कब्रिस्तानों और अन्य धार्मिक संस्थानों पर नियंत्रण खोने का डर जताया जा रहा है।
भोपाल के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। धार्मिक संगठनों और मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस बिल को धार्मिक संस्थानों के मामलों में हस्तक्षेप मानते हुए इसके खिलाफ आवाज उठाई है।
जहां ईद का त्योहार खुशी और भाईचारे का प्रतीक है, वहीं भोपाल में यह त्योहार विरोध का भी मंच बन गया। इस दिन नमाजियों ने न केवल ईद की शुभकामनाएं दीं, बल्कि देश के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता का भी प्रदर्शन किया।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जारी बहस और विरोध के बीच, ईद-उल-फितर 2024 का यह उत्सव एक अनोखे अंदाज में मनाया गया, जिसने धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उजागर किया।
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