प्रसिद्ध चीता विशेषज्ञ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पीएम मोदी के प्रोजेक्ट चीता का किया था सफल आयोजन

KNEWS DESK- प्रसिद्ध चीता विशेषज्ञ और द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव (टीएमआई) के संस्थापक विन्सेंट वैन डेर मेरवे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव सउदी अरब की राजधानी रियाद के एक अपार्टमेंट में मिला। द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव (टीएमआई) के संस्थापक विन्सेंट वैन डेर मेरवे के मौत की खबर बाहर आते ही दुनिया भर के वन्यजीव संरक्षण वादियों और चीता प्रोजेक्ट में शामिल विशेषज्ञों में शोक की लहर दौड़ गई।

सउदी अरब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत वहां चीतों को बसाने का योजना चल रही है। जिसमें द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव (टीएमआई) के संस्थापक विन्सेंट वैन डेर मेरवे से सहयोग मांगा गया था। सउदी अरब की इस चीतों को बसाने की योजना में अपना योगदान देने विन्सेंट सउदी अरब गये थे, जहां से उनका शव बरामद हुआ है। विन्सेंट वैन डेर मेरवे मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के निवासी थे और लंबे समय से चीता सरंक्षण में काम कर रहे थे।

विन्सेंट वैन डेर मेरवे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट चीता’ से भी गहरे तौर पर जुड़े थे. इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को फिर से बसाने का प्रयास किया जा रहा है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों को भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल ढालने में उनकी भूमिका बेहद अहम थी।