KNEWS DESK- बीती रात महाराष्ट्र में हुई हिंसा के दौरान चश्मदीद और स्थानीय लोगों ने रात में हुए मंजर का ऐसा रूप बयान किया, जिसे सुनकर रूँह कांपने को मजबूर हो जाएगी। नागपुर में फैली हिंसा के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुए, जिन्हें देखकर भी वहाँ पर हुई भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्थानीय लोगों ने बताया की हिंसा शाम करीब 7 बजे के बाद शुरू हुई। देखते ही देखते हिंसा ने भयावह रूप ले लिया। रात में 10 बजे के आसपास 400-500 की भीड़ ने अचानक हमला करना शुरू कर दिया। लोगों के हाथ में तलवार, चाकू, गड़ासे, बोलत बम, पत्थर थे। ये लोग सड़क में खड़े वाहनों को तोड़ रहे थे और रास्ते में पड़ने वाले घरों पर पथराव कर रहे थे। इन लोगों को देखकर ऐसा लग रहा था कि ये लोग पूरी प्लांनिंग और तैयारी के साथ सड़कों पर उतरे हैं और प्लानिंग के तहत घरों को निशाना बना रहे हैं।
नागपुर में हुई हिंसा के मामले में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले और दंगा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। इन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
कब्र को लेकर फैली हिंसा
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबु आजमी के औरंगजेब के ऊपर दिये बयान के बाद मामले ने तुल पकड़ा। सत्तापक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू कर दिये। हालांकि राजनीति गरमाने के बाद अबु आजमी ने अपने बयान वापस लेते हुए माफी भी मांग ली पर विवाद ने थमने का नाम नहीं लिया।

इसी बीच औरंगाबाद स्थित औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकने की बात भाजपा नेताओं की ओर से कही गई और महाराष्ट्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। इन विरोध प्रदर्शन में औरंगजेब की फोटो को चप्पलों से मारा गया और फोटो जलाई गई। इसी बीच अफवाह उड़ी की विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र किताब को जला दिया गया। पवित्र किताब जलाने की बात सुनते ही लोगों ने सड़को पर आना शुरू कर दिया और देखते ही देखते ही दंगा फैल गया।
