मोहम्मद शमी के सपोर्ट में उतरे साउदी और फिलेंडर, भारतीय गेंदबाज ने ICC से की थी ये मांग

KNEWS DESK-  भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हाल ही में ICC से गेंद पर लार लगाने पर लगा बैन हटाने की मांग की थी, और अब न्यूजीलैंड के पूर्व गेंदबाज टीम साउदी और साउथ अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर वर्नोन फिलेंडर ने शमी की इस मांग का समर्थन किया है।

चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की 4 विकेट की जीत के बाद शमी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए लार के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम रिवर्स स्विंग पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गेंद पर लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। हम बार-बार अपील करते हैं कि हमें लार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए, ताकि हम खेल को और अधिक दिलचस्प बना सकें।”

शमी के बयान का समर्थन करते हुए न्यूजीलैंड के गेंदबाज टीम साउदी ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइंफो से बातचीत में कहा कि यह प्रतिबंध कोविड-19 के कारण लाया गया था, जब वायरस का खतरा था। हालांकि, अब साउदी का मानना ​​है कि यह प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अब हमें इस जोखिम को उठाना चाहिए। हम देख रहे हैं कि टीमों ने 362 रन बनाए हैं और इस प्रारूप में अक्सर 300 से अधिक रन बनते हैं, तो गेंदबाजों के पक्ष में कुछ होना चाहिए।” उनका कहना था कि गेंदबाजों को भी खेल में बराबरी का मौका मिलना चाहिए, खासकर जब बल्लेबाज लगातार बड़े स्कोर बना रहे हैं।

साउथ अफ्रीका के पूर्व गेंदबाज वर्नोन फिलेंडर ने भी शमी के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में, जब गेंद घिस चुकी थी, तो लार का इस्तेमाल रिवर्स स्विंग लाने में मदद कर सकता था। उन्होंने कहा, “गेंद को देखें तो घिस चुकी थी। अगर एक तरफ गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल किया जाता, तो वह रिवर्स स्विंग के काम आता और अफ्रीकी गेंदबाजों को फायदा मिलता। इस तरह से स्कोर कुछ और होता।”

पाकिस्तान के लाहौर में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 362 रन बनाए थे। वहीं, साउथ अफ्रीका ने भी 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 312 रन बनाए। इन आंकड़ों से यह साफ है कि बड़े स्कोर की उम्मीदों के बीच गेंदबाजों को भी अपनी भूमिका में सुधार की जरूरत है, खासकर रिवर्स स्विंग के लिए।

गेंद पर लार के इस्तेमाल पर बैन पहली बार मई 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान एक अस्थायी उपाय के रूप में लगाया गया था। फिर, सितंबर 2022 में ICC ने इसे स्थायी कर दिया। कोविड के दौरान वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब क्रिकेट के दिग्गजों की राय है कि यह प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए, ताकि गेंदबाजों को खेल में योगदान देने का और मौका मिले।

मोहम्मद शमी की मांग को अब क्रिकेट जगत के कई बड़े नामों का समर्थन मिल चुका है, और यह संकेत देता है कि गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए लार के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए। यह बदलाव क्रिकेट को और अधिक रोमांचक बनाने में मदद करेगा और गेंदबाजों को एक बार फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।

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