KNEWS DESK- तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के भीतर फंसे आठ लोगों को बचाने का अभियान जोरों पर है। सुरंग की छत ढहने के बाद, 22 फरवरी से चल रहे इस बचाव कार्य में अब नई तेजी आ गई है। अधिकारियों के अनुसार, गाद हटाने का काम और उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी गई है, जिससे लापता लोगों को जल्दी से निकाला जा सके।
पिछले कुछ दिनों में सुरंग के भीतर की स्थिति को लेकर राहत की खबर आई है। शनिवार को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली, जब राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल कर सुरंग में फंसे चार लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की। यह सफलता बचाव कार्य में अहम मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि इससे बचाव दल को ज्यादा दिशा-निर्देश मिलेंगे।
अब तक चार लोगों की स्थिति के बारे में पता चला है। अधिकारियों ने कहा कि इन चार लोगों की स्थिति सुरंग के अंदर बोरिंग मशीन के पास ही है, और उन्हें निकालने में समय लग सकता है। राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने बताया कि इन चार लोगों की हालत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इनकी जान बचने की संभावना बहुत कम है, हालांकि बचाव दल पूरी कोशिश कर रहे हैं।
सुरंग के अंदर फंसे सभी आठ लोगों की पहचान भी सामने आ चुकी है। इनमें मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्री निवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब), संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू (झारखंड) शामिल हैं। ये सभी लोग सुरंग के अंदर बोरिंग मशीन के पास फंसे हुए थे।
बचाव अभियान में 18 संगठन, 54 अधिकारी और 703 कर्मी जुटे हुए हैं, जो दिन-रात इस मुश्किल कार्य में लगे हुए हैं। हादसे के बाद सुरंग के अंदर के मलबे और कीचड़ को हटाने का काम तेजी से चल रहा है, जिससे बचाव दल को सुरंग के भीतर ज्यादा जगह मिल सके और फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में मदद मिले। अधिकारियों का मानना है कि कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद यह काम और भी आसान हो जाएगा।
सीएम ए रेवंत रेड्डी के रविवार शाम को घटनास्थल पर पहुंचने की संभावना है, जहां वह अधिकारियों के साथ बचाव अभियान की समीक्षा करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस दुर्घटना के पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।
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