अब तक की जानकारी के अनुसार, 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि चार मजदूरों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, पांच अन्य श्रमिक अभी भी लापता हैं और उनका पता लगाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
चमोली जिले में मौसम की स्थिति खराब होने और भारी बर्फबारी की संभावना के बावजूद, भारतीय सेना, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), और ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की टीमें निरंतर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। एसडीएम संतोष कुमार पांडे खुद इस राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
एवलांच की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने गौचर हवाई पट्टी को अलर्ट मोड पर रखा है। इसके तहत राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड और अन्य जरूरी टीमें मौके पर तैनात की गई हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वे विभिन्न स्थानों पर इलाज और सुरक्षा में हैं:
- 26 मजदूर का इलाज आर्मी के अस्पताल में चल रहा है।
- 22 मजदूर सुरक्षित रूप से बद्रीनाथ धाम में स्थित ITBP और सेना के कैंप में हैं।
- 5 मजदूर अभी भी लापता हैं।
अब तक चार श्रमिकों की मौत हो चुकी है, जिनके शवों को बरामद किया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि रेस्क्यू दल लापता पांच अन्य श्रमिकों की तलाश में जुटा हुआ है और मौसम के खराब होने के बावजूद बचाव कार्यों को जारी रखा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सबसे बड़ी चुनौती मौसम की स्थिति बन रही है। बर्फबारी और शीतलहर के कारण राहत कार्यों में रुकावट आ रही है, लेकिन रेस्क्यू टीमों की पूरी कोशिश है कि किसी भी श्रमिक को नुकसान न हो और उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके। यह हादसा स्थानीय श्रमिकों के लिए बड़ी त्रासदी साबित हुआ है। प्रशासन और बचाव दल दिन-रात एक करके इस गंभीर स्थिति से निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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