KNEWS DESK – नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक बड़ा हादसा हो गया, जब प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से भारी भगदड़ मच गई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की रिपोर्ट के अनुसार, महज तीन मिनट के अंतराल में ट्रेन के दो अलग-अलग प्लेटफॉर्म से चलने की घोषणाओं ने यात्रियों के बीच अफरातफरी पैदा कर दी, जिससे कम से कम 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।
दो बार हुआ प्लेटफॉर्म का ऐलान
रिपोर्ट के मुताबिक, पहले घोषणा की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म 12 से रवाना होगी, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद नया ऐलान किया गया कि ट्रेन प्लेटफॉर्म 16 से चलेगी। इस बदलाव के कारण यात्रियों में भगदड़ मच गई। पहले से ही स्टेशन पर भारी भीड़ थी, और अचानक हुई इस अफरातफरी ने स्थिति को और भयावह बना दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे प्रशासन ने प्लेटफॉर्म 16 के ऐलान से इनकार किया था, लेकिन RPF की रिपोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा ही इस हादसे की मुख्य वजह बनी।
रात 8:15 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म 12 से रवाना होने के बाद स्टेशन पर भीड़ अचानक बढ़ गई। पैदल पुल नंबर 2 और 3 पर हजारों लोग इकट्ठा हो गए। प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर खड़ी ‘मगध एक्सप्रेस’ और ‘उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस’ के यात्री भी अपनी ट्रेनों के लिए पुल पर थे, जबकि ‘प्रयागराज एक्सप्रेस’ के यात्री भी सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। भीड़ में धक्का-मुक्की के कारण कई यात्री नीचे गिर गए, जिन्हें कुचलने से मौत हो गई।
RPF ने दिए थे भीड़ नियंत्रण के आदेश
RPF के सहायक सुरक्षा आयुक्त (ASC/NDLS) ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन डायरेक्टर को टिकट बिक्री रोकने और भीड़ प्रबंधन के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद स्टेशन पर अव्यवस्था बनी रही। अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि जैसे ही स्पेशल ट्रेनें भर जाएं, उन्हें तुरंत रवाना कर दिया जाए ताकि भीड़ कम हो सके, लेकिन इस पर सही समय पर अमल नहीं हो पाया।
CCTV कैमरे थे खराब
जांच में पता चला कि जहां भगदड़ मची, वहां का CCTV कैमरा खराब था, जिससे हादसे की कोई फुटेज नहीं मिल पाई। हालांकि, स्टेशन के एस्केलेटर के पास लगे कैमरे काम कर रहे थे, जिनकी फुटेज की जांच की जा रही है।
स्टेशन पर स्टाफ की कमी बनी जानलेवा
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन के लिए RPF के 270 कर्मी तैनात हैं, लेकिन हादसे के वक्त सिर्फ 80 कर्मचारी ही ड्यूटी पर थे। बाकी कर्मचारियों को प्रयागराज भेज दिया गया था, जिससे स्टेशन पर भारी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद नहीं था।
इस दर्दनाक हादसे के बाद रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा की पुष्टि नहीं की गई, जिससे यह भ्रम की स्थिति बनी और हादसे की नौबत आ गई। वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना को रेलवे की गंभीर चूक करार देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।