KNEWS DESK – मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया। पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के कारण उनके खिलाफ लगातार दबाव बढ़ रहा था।
हिंसा को लेकर पहले ही मांग चुके थे माफी
एन बीरेन सिंह ने पिछले साल के अंत में मणिपुर में हुई हिंसा के लिए जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था, “यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से 3 मई 2023 से लेकर अब तक हुई घटनाओं के लिए क्षमा चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, कई लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। मुझे इस त्रासदी का गहरा दुख है।” हालांकि, पिछले कुछ महीनों में राज्य में हालात में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक दबाव के चलते उनका पद पर बने रहना मुश्किल होता जा रहा था।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष पिछले साल 3 मई 2023 को शुरू हुआ था। हिंसा की शुरुआत मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के विरोध में हुई थी, जिसमें अदालत ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने पर विचार करने का निर्देश दिया था। इस फैसले के विरोध में आदिवासी छात्रों के संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। इस संघर्ष में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।
एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने भी छोड़ा साथ
मणिपुर में लगातार बिगड़ते हालात के चलते एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके अलावा, राज्य के अंदर नेतृत्व परिवर्तन की मांग भी जोर पकड़ने लगी थी। पिछले नवंबर में जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद हालात और बिगड़ गए थे। केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की थी, लेकिन शांति पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई।
क्या मणिपुर में बदलेगा नेतृत्व?
एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मणिपुर का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? भाजपा आलाकमान राज्य में नए नेतृत्व को आगे लाने की रणनीति बना रहा है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा जल्द ही नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है और राज्य में हालात को स्थिर करने के लिए नई रणनीति तैयार की जाएगी।