KNEWS DESK, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा। इस समिट को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कई बड़े दावे किए हैं। उनका मानना है कि इस समिट से आईटी सेक्टर में भारी निवेश की संभावना है, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य को विकास की दिशा में तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी।
आईटी सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश, देश का हृदय होने के नाते, विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना आईटी सेक्टर को मजबूत किए प्रदेश का पूर्ण विकास संभव नहीं है। इस समिट में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश करने की संभावना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे।
मध्य प्रदेश क्यों है निवेशकों की पसंद?
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में कई ऐसी विशेषताएं हैं, जिनकी वजह से निवेशक यहां निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। राज्य में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) बनाए गए हैं, जिससे उद्योगों को बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। इसके अलावा प्रदेश में 15 से ज्यादा आईटी पार्क हैं, जहां कई बड़ी कंपनियां पहले से काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश में 50 से अधिक बड़ी आईटी और आईटीईएस इकाइयां स्थापित हैं। इसके साथ ही, राज्य सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 के तहत नए उद्योगों को सब्सिडी भी दी जा रही है।
मध्य प्रदेश में मजबूत टैलेंट पूल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार मैन पावर और स्किल डेवलपमेंट पर भी विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में 300 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जहां हर साल बड़ी संख्या में छात्र आईटी सेक्टर के लिए तैयार हो रहे हैं। एमपी सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने और निवेशकों को योग्य कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ट्रेनिंग और प्रमोशन वर्कशॉप्स भी चला रही है।
तकनीकी क्षेत्र में बड़ा बदलाव संभावित
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के जरिए प्रदेश में तकनीकी क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस समिट से आईटी कंपनियों की संख्या बढ़ने और रोजगार के अवसरों में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें- प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई