दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: योगी और ओवैसी की एंट्री से सियासी पारा चढ़ा, AAP-कांग्रेस की बढ़ी टेंशन

KNEWS DESK –  दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प होता नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई के बीच अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने सियासी तपिश और बढ़ा दी है। दोनों नेता गुरुवार से अपने-अपने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करने जा रहे हैं।

योगी का हिंदुत्व बनाम ओवैसी का मुस्लिम एजेंडा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चुनाव प्रचार में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर जोर देते नजर आएंगे। दूसरी तरफ, ओवैसी आक्रामक मुस्लिम एजेंडे के साथ मैदान में उतरकर चुनावी समीकरण बदलने की कोशिश करेंगे। योगी जहां किराड़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के लिए प्रचार शुरू करेंगे, वहीं ओवैसी ओखला क्षेत्र की शाहीन बाग सीट से AIMIM के अभियान की शुरुआत करेंगे।

योगी आदित्यनाथ: हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का एजेंडा

योगी आदित्यनाथ अपने चुनावी प्रचार के दौरान 14 जनसभाएं करेंगे। गुरुवार को वह किराड़ी, जनकपुरी और करोल बाग में रैलियां करेंगे। उनके भाषणों का केंद्र बिंदु हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और यूपी मॉडल होगा। बीजेपी ने योगी के प्रचार अभियान को धार देने के लिए स्लोगन “बंटेंगे तो कटेंगे” को प्रचारित किया है।

योगी के प्रचार में हिंदू धार्मिक प्रतीक, राम मंदिर, पाकिस्तान और आतंकवाद जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। माना जा रहा है कि वे दिल्ली दंगों, सीएए-एनआरसी आंदोलन और शाहीन बाग जैसे विवादित मुद्दों का भी जिक्र करेंगे। बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ के आगमन से हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सकता है।

असदुद्दीन ओवैसी: मुस्लिम वोटों पर नजर

ओवैसी ने अपने प्रचार अभियान के लिए दिल्ली की ओखला और मुस्तफाबाद सीटों को चुना है। उन्होंने इन सीटों पर जेल में बंद मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है। ओखला सीट से सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान चर्चा में आए शफाउर रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया गया है।

ओवैसी गुरुवार को ओखला में जाकिर नगर से बटला हाउस तक पदयात्रा करेंगे और शाम को शाहीन बाग में जनसभा को संबोधित करेंगे। शाहीन बाग सीएए-एनआरसी आंदोलन के केंद्र में रहा था, और ओवैसी इस भावनात्मक मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेंगे। उनके पोस्टरों में शफाउर रहमान को जेल की सलाखों के पीछे दिखाया गया है, जो मुस्लिम समुदाय के जख्मों को कुरेदने का इशारा करता है।

धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल?

योगी आदित्यनाथ और असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से दिल्ली चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल तेज होने की संभावना है। योगी जहां हिंदुत्व को धार देने की कोशिश करेंगे, वहीं ओवैसी मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में ध्रुवीकृत करने की रणनीति अपनाएंगे।

ओवैसी बनाम AAP और कांग्रेस

ओवैसी का आक्रामक रुख केवल बीजेपी तक सीमित नहीं है। वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर लेंगे। ओवैसी सीएए-एनआरसी आंदोलन और दिल्ली दंगों का मुद्दा उठाकर यह बताने की कोशिश करेंगे कि मुस्लिमों के अधिकारों के लिए उनकी पार्टी सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रही है।