दिल्ली में चुनावी जंग: आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज

KNEWS DESK, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार (22 जनवरी) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार पर अपने वादों को पूरा करने में असफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के पास दिल्ली के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।

संजय सिंह का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनावों में प्रत्येक बूथ पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट सुनिश्चित करने की अपील के बाद आया।

“AAP जीतेगी 60 से ज्यादा सीटें”

संजय सिंह ने विश्वास जताते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी दिल्ली की 70 में से 60 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी।” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “पीएम मोदी और उनकी पार्टी जुमलों के सहारे जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास दिल्ली के विकास के लिए कोई सुसंगत योजना नहीं है।”

“बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं कर सकती बीजेपी”

आप सांसद ने कहा, “बीजेपी केवल खोखले वादों और बेमतलब की योजनाओं पर ध्यान दे रही है। वे न तो बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं और न ही स्कूल या अस्पताल बना सकते हैं। उनके वादे सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह जाते हैं।”

मोदी सरकार के वादों पर सवाल

संजय सिंह ने केंद्र सरकार के 2014 और 2019 के वादों पर सवाल उठाते हुए कहा, “बीजेपी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने, हर नागरिक को 15 लाख रुपये देने और 2022 तक सभी को पक्का मकान दिलाने के जो वादे किए थे, वे अधूरे ही रह गए। अग्निवीर योजना के तहत चार साल की नौकरी दी जा रही है, जिसमें बेटा रिटायर हो जाता है, जबकि उसका पिता अभी भी काम कर रहा होता है। यह बीजेपी की दोषपूर्ण सोच को दर्शाता है।”

पीएम मोदी का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर भ्रष्टाचार और झूठे वादों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में आम आदमी पार्टी का कार्यकाल अधूरे वादों, फर्जी घोषणाओं और भ्रष्टाचार से भरा रहा है। जनता खुलकर इस सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर कर रही है। आप हर दिन नई घोषणाएं कर रही है क्योंकि उसे अपनी हार का एहसास हो गया है।”

दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। जनता का फैसला आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेगा।