चित्रकूट के समग्र विकास का प्लान समेकित रूप से हो क्रियान्वित- मुख्यमंत्री मोहन यादव

KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि चित्रकूट के समग्र विकास का प्लान समेकित रूप से बने और सबके सहयोग से क्रियान्वित किया जाये। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज सेवा तथा अन्य विकास कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक स्थल में होने वाले मेले और अवसरों पर तीर्थ यात्रियों तथा पर्यटकों की सुविधाओं के लिए इन संस्थाओं के कार्यों से भी जोंडे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को चित्रकूट में चित्रकूट के समग्र विकास के लिये प्रगतिरत एवं प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। यहाँ बेहतर विकास हो और आध्यात्मिक वैभव के साथ चित्रकूट का मूल स्वरूप कायम रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां मंदाकिनी की स्वच्छता और निर्मलता के साथ वाटर रिचार्ज का भी अभियान स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनभागीदारी से चलाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आश्रम, संस्थाएँ मिलकर भूगर्भ के जल संभरण और संरक्षण का अभियान चलाये। चित्रकूट में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों को और कैसे मजबूत बनायें जिससे हमारा समाज और क्षेत्र स्वावलम्बी बन सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट विष्वविद्यालय और समाजसेवी संस्थाएँ स्वावलम्बी समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। चित्रकूट की हमारी पुरातन संस्कृति और परंपरागत पहचान को कायम रखते हुए कई विषयों को जोडकर विकास के कार्य होने चाहिए। गौ-शालाएँ, गौ-पालन, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में सबके सहयोग से कार्य हो। चित्रकूट के अमावस्या मेला और दीपावली मेले में भीड प्रबंधन के लिए रोप-वे के विकल्प की भी संभावनाएँ तलाशी जा सकती है। मेले में वाहनों की पार्किंग के स्थानों के लिए कन्ट्रोल रूम बनाएँ। उन्होंने कहा कि सडकों का चौडीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण हो। मुख्यमंत्री ने मोहकमगढ से पीली कोठी तक बनने वाली सड़क का कार्य दोनों सिरों से शुरू करने के निर्देश दिये।

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि कामदगिरी परिक्रमा मार्ग में सुविधाओं के विकास की जरूरत है। परिक्रमा में साफ-सफाई के उचित प्रबंध भी होने चाहिए। दान दाताओं के लिए भी सुनियोजित स्थान तय करना आवश्यक है।

समाजसेवी सुरेश सोनी ने कहा कि चित्रकूट पावन तीर्थ का महत्व कामदगिरी और मां मंदाकिनी से है। अयोध्या सहित तीर्थ स्थलों के विकास से लोकप्रियता बढने के साथ यात्रियों का आवागमन कई गुना बढ़ा है। चित्रकूट का विकास प्लान आगामी 15-20 साल की परिस्थितियों के अनुसार ही बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के प्रत्येक मठ, मंदिर, विद्यालय, सामाजिक संस्थाएँ जन प्रबोधन का कार्य भी करें।

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