KNEWS DESK – ‘बिग बॉस 18’ का फिनाले अब बस कुछ ही दिन दूर है और 19 जनवरी को होने वाला है। लेकिन फिनाले से पहले ही शो में विवादों का तड़का लग गया है। चाहत पांडे का शॉकिंग इविक्शन न केवल दर्शकों बल्कि कंटेस्टेंट्स के बीच भी चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। उनके इविक्शन के बाद से फैंस और दर्शक मेकर्स पर सवाल उठा रहे हैं।
कैसे हुआ चाहत का इविक्शन?
14वें हफ्ते में चाहत पांडे, रजत दलाल, और श्रुतिका अर्जुन नॉमिनेशन में थे। श्रुतिका को वोटिंग के आधार पर बेघर किया गया, लेकिन चाहत के इविक्शन ने फैंस को हैरानी में डाल दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि चाहत के इविक्शन से पहले वोटिंग लाइन्स बंद कर दी गईं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर वोटिंग नहीं हुई, तो फिर चाहत को किस आधार पर बेघर किया गया?
फैमिली वीक से उपजा विवाद
इस विवाद की जड़ें फैमिली वीक में देखी जा सकती हैं। उस दौरान चाहत की मां ने बिग बॉस और मेकर्स पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जब अविनाश मिश्रा ने उनकी बेटी के चरित्र पर सवाल उठाए, तो बिग बॉस ने कोई एक्शन नहीं लिया, जबकि अन्य मामलों में उन्होंने अदालत जैसी व्यवस्था स्थापित की।
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मेकर्स का बचाव और रजत पर आरोप
चाहत के इविक्शन के बाद, मेकर्स ने इसे वोटिंग ट्रेंड्स का नतीजा बताया और इसका ठीकरा रजत दलाल के मजबूत फैन बेस पर फोड़ा। वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, मेकर्स का कहना है कि रजत को मिले भारी समर्थन के कारण चाहत को शो से बाहर होना पड़ा। हालांकि, चाहत के फैंस इसे पूरी तरह खारिज कर रहे हैं और इसे मेकर्स का बचाव करने का तरीका मानते हैं।
चाहत के फैंस का गुस्सा
सोशल मीडिया पर चाहत के फैंस लगातार मेकर्स के फैसले की आलोचना कर रहे हैं। एक फैन ने लिखा, “चाहत के साथ अन्याय हुआ है। मेकर्स को वोटिंग ट्रेंड्स से बाहर के कारण नहीं देने चाहिए थे।”
क्या यह बिग बॉस की निष्पक्षता पर सवाल है?
चाहत पांडे के इविक्शन ने शो की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। फैंस का मानना है कि अगर मेकर्स ने दर्शकों को प्रभावित करने के लिए यह कदम उठाया है, तो यह शो के फॉर्मेट के खिलाफ है।
फिनाले की तैयारी और बचे हुए कंटेस्टेंट्स
अब शो में सिर्फ टॉप कंटेस्टेंट्स — विवियन डीसेना, करणवीर मेहरा, शिल्पा शिरोडकर, रजत दलाल, ईशा सिंह, चुम दरांग, और अविनाश मिश्रा — बचे हैं। फिनाले के करीब आते ही मुकाबला और कड़ा होता जा रहा है।