KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ की धूम चारों ओर है, और यह महाकुंभ न केवल देशवासियों बल्कि विदेशों से आए श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस बार महाकुंभ में कई देशों से श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिनमें जर्मनी, अफ्रीका, ब्राजील सहित अन्य देशों के लोग शामिल हैं। लेकिन इस महाकुंभ में एक खास नाम भी जुड़ा है, जो एप्पल कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल का है।
लॉरेन पॉवेल का संन्यासी रूप में महाकुंभ में आगमन
बता दें कि लॉरेन पॉवेल महाकुंभ में संन्यासी भेष में पहुंची हैं। भगवा चोला पहने और रुद्राक्ष की माला के साथ वह महाकुंभ में साधुओं की संगत में रहकर साधारण जीवन जीने की तैयारी में हैं। वह इस पवित्र अवसर पर महाकुंभ के कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेंगी और कल्पवास करेंगी। इसके साथ ही वह शाही स्नान भी करेंगी, जो 14 जनवरी और 29 जनवरी को होगा। लॉरेन पॉवेल ने अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद महाराज के पास पहुंचकर यहां की आस्था को अपनाया है। स्वामी कैलाशानंद महाराज से अपनी गहरी आस्था के कारण वह इस यात्रा पर आई हैं।
स्वामी कैलाशानंद को मानती हैं पिता
लॉरेन पॉवेल स्वामी कैलाशानंद गिरी को अपना गुरु और पिता समान मानती हैं। शनिवार को वह अपने गुरु के आश्रम पहुंची थीं और उनके साथ पूजा-अर्चना की थी। इसके अलावा उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में भी दर्शन किए और वहां पूजा अर्चना की। स्वामी कैलाशानंद ने लॉरेन पॉवेल को अपना बेटा की तरह समझते हुए उन्हें अच्युत-गोत्र दिया और उनका नाम बदलकर कमला रखा। स्वामी कैलाशानंद का कहना है कि लॉरेन पॉवेल उनकी बेटी जैसी हैं और उनके इस यात्रा के दौरान उनका स्वागत करते हुए वह उन्हें अपनी बेटी की तरह मानते हैं।
महाकुंभ में शाही स्नान और ध्यान की तैयारी
लॉरेन पॉवेल महाकुंभ में दो विशेष स्नान करेंगी—एक 14 जनवरी को और दूसरा 29 जनवरी को। इसके साथ ही वह ध्यान साधना के लिए भी भारत आई हैं। महाकुंभ के इन पवित्र अवसरों पर वह अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद के साथ ध्यान करने का भी विचार कर रही हैं।