KNEWS DESK, प्रयागराज में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नई और रोमांचक गतिविधि का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महाकुंभ में पहली बार ड्रोन शो आयोजित करने की घोषणा की है, जिसे संगम नोज पर देखा जा सकेगा। इस ड्रोन शो के माध्यम से महाकुंभ और प्रयागराज की पौराणिक कथाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया जाएगा।
ड्रोन शो का शानदार आयोजन
बता दें कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महाकुंभ में पहली बार ड्रोन शो आयोजित करने की घोषणा की है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने जानकारी दी कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में संगम नोज पर शाम के समय यह ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 2 हजार ड्रोन एक साथ उड़ेंगे। इन ड्रोन के माध्यम से समुद्र मंथन, अमृत कलश का उभरना, प्रयाग के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व जैसे दृश्य प्रदर्शित होंगे। यह शो महाकुंभ के आगंतुकों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव होगा।
अपराजिता सिंह ने बताया कि यह ड्रोन शो महाकुंभ की शुरुआत और समापन के समय विशेष रूप से आयोजित किया जाएगा। श्रद्धालुओं को इस अद्भुत नजारे को देखने का मौका मिलेगा, जो न सिर्फ महाकुंभ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाएगा, बल्कि प्रयागराज की पौराणिक कथाओं को भी जीवंत करेगा।
अन्य रोमांचक गतिविधियां
महाकुंभ के दौरान पर्यटन विभाग ने अन्य कई रोचक गतिविधियों का भी आयोजन करने की योजना बनाई है। इनमें फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, जल क्रीड़ा, हॉट एअर बैलून, और लेजर लाइट शो जैसी गतिविधियां शामिल हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अनुभव को और भी खास बना देंगी। इसके अलावा, जनवरी के पहले सप्ताह से काली घाट पर यमुना की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन लेजर शो की शुरुआत भी होने जा रही है। यह शो एक शानदार अनुभव होने की संभावना है, जो महाकुंभ के दौरान आने वाले दर्शकों के लिए एक नई आकर्षण का केंद्र बनेगा।
महाकुंभ 2025 के खास पर्व
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ खास पर्वों पर विशेष महत्व है। ये पर्व स्नान की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। महाकुंभ मेला 2025 में निम्नलिखित खास पर्व होंगे:
- पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी, सोमवार
- मकर संक्रांति – 14 जनवरी, मंगलवार (शाही स्नान पर्व)
- मौनी अमावस्या – 29 जनवरी, बुधवार (शाही स्नान पर्व)
- बसंत पंचमी – 3 फरवरी, सोमवार
- माघी पूर्णिमा – 12 फरवरी, बुधवार
- महाशिवरात्रि – 26 फरवरी, बुधवार (स्नान का समापन पर्व)
इन पर्वों के दौरान स्नान के महत्व के कारण श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भागीदारी की उम्मीद है।