KNEWS DESK – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों का चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में मनमाने तरीके से कोई नाम नहीं जोड़े गए और न ही हटाए गए। चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चिंताओं के बीच यह बयान जारी किया है, जिससे राज्य में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर उठे सवालों का समाधान किया जा सके।
मतदाता सूची में कोई मनमानी नहीं
बता दें कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को जवाब देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची तैयार करने के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है। आयोग ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में नामों को जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत और पारदर्शिता के साथ की गई है। चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में मतदाता सूची में कोई भी बदलाव मनमाने तरीके से नहीं किए गए, जैसा कि कांग्रेस ने आरोप लगाया था।
शाम 5 बजे और अंतिम आंकड़ों के बीच अंतर
कांग्रेस द्वारा उठाए गए एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि शाम 5 बजे के आंकड़ों और अंतिम आंकड़ों की तुलना करना सही नहीं है। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि शाम 5 बजे से लेकर रात 11:45 बजे तक मतदान में वृद्धि सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। यह प्रक्रिया मतदाता मतदान के एकत्रीकरण से जुड़ी होती है और इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती। आयोग ने कहा कि इस अंतर को वास्तविक, लेकिन महत्वहीन अंतर माना जाना चाहिए।
मतदाता मतदान में बदलाव असंभव
चुनाव आयोग ने यह भी जोर दिया कि वास्तविक मतदाता मतदान में कोई बदलाव करना असंभव है। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र पर मतदान बंद होने के समय पर उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास वैधानिक फॉर्म 17C उपलब्ध होते हैं, जो मतदान के दौरान डाले गए वोटों और गिने गए वोटों का रिकॉर्ड रखते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित है।
कांग्रेस को जानकारी दी गई
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची की तैयारी में कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी थी और पूरी प्रक्रिया में नियमों का पालन किया गया। कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए आयोग ने साफ किया कि किसी भी स्तर पर मतदाता सूची में कोई अनियमितता नहीं की गई।