KNEWS DESK- दिल्ली चुनाव से पहले पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश और जाली दस्तावेजों के मामले में एक बड़ा एक्शन लिया है। दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में लाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट के माध्यम से जाली पहचान पत्रों, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेजों का निर्माण कर रहे थे।
डीसीपी अंकित चौहान ने कहा कि इस गिरोह के द्वारा चलाए जा रहे अवैध कारोबार में आधार ऑपरेटर, दस्तावेज जालसाज और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे। पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच कर रही है। इन बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराने के लिए गिरोह ने जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल किया था।
इस मामले को लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के मुद्दे पर केजरीवाल की भूमिका पर सवाल उठने चाहिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि इन घुसपैठियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। इन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। यह हमारे देश के लोगों के अधिकारों को छीनने का कृत्य है।”
मनोज तिवारी ने आगे कहा, “अरविंद केजरीवाल चुनाव आयोग गए हैं ताकि वह अवैध घुसपैठियों को वोट डालने से रोक सकें, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि इस गिरोह के तार उनके और उनके विधायकों से जुड़े होंगे।” तिवारी ने मांग की कि दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस घुसपैठ मामले में उनका कोई संबंध है या नहीं।
दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए इस बड़े ऑपरेशन के बाद राज्य में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के कारोबार पर सवाल उठने लगे हैं। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान बढ़ सकता है, और इसे लेकर भाजपा और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रह सकते हैं।
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