KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के चंदौसी में मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मण गंज में स्थित एक खाली प्लॉट में दबी 150 साल पुरानी बावड़ी की तलाश के लिए रविवार को खुदाई का काम शुरू कर दिया गया। इस बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व कई संदर्भों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिले के डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मौके पर पहुंच कर खुदाई का जायजा लिया और इस बावड़ी के बारे में जानकारी दी।
डीएम ने बताया कि यह बावड़ी 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थित है और अभिलेखों के अनुसार इसे तालाब के रूप में दर्ज किया गया है। इस बावड़ी के निर्माण की शुरुआत बिलारी के राजा के नाना के समय में हुई थी और यह तीन मंजिला संरचना है। नीचे दो मंजिलें मार्बल से बनी हुई हैं, जबकि तीसरी मंजिल ईंटों से निर्मित है। इसके साथ ही इसमें एक कूप और चार छोटे कक्ष भी बने हुए हैं।
इस बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व और इसके निर्माण की तारीख को लेकर अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह संरचना लगभग 150 साल पुरानी है। डीएम पैंसिया ने बताया कि अगर आवश्यकता पड़ी तो इस बावड़ी के संरक्षण और अध्ययन के लिए राज्य पुरातात्त्विक सर्वेक्षण (एसएएस) की टीम को बुलाया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, बावड़ी में एक सुरंग भी है, जो बांकेबिहारी मंदिर की ओर जाती है। इस सुरंग के होने से यहां की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को लेकर नई जानकारियां मिलने की संभावना है। डीएम ने यह भी बताया कि मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और वहां श्रद्धालुओं के पूजा करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, अतिक्रमण हटाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
इस बावड़ी की खुदाई से न केवल चंदौसी के ऐतिहासिक महत्व का पता चलेगा, बल्कि यह स्थानीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। उम्मीद की जा रही है कि इस खोज के बाद क्षेत्र के ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए और प्रयास किए जाएंगे।
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