KNEWS DESK – राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात के बाद सियासी हलकों में एक नई हलचल पैदा हो गई है। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही दूरी की अफवाहों के बीच 17 दिसंबर को हुए ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) के उद्घाटन कार्यक्रम में वसुंधरा राजे और पीएम मोदी के बीच एक सुलझे हुए रिश्ते का संकेत मिला। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच की खटास को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों ने इस स्थिति को और भी स्पष्ट किया है।
उद्घाटन कार्यक्रम में वसुंधरा राजे की उपस्थिति
आपको बता दें कि ईआरसीपी के उद्घाटन कार्यक्रम में वसुंधरा राजे की उपस्थिति के बाद भाजपा के अंदर और बाहर इस बात की चर्चा होने लगी कि राजस्थान भाजपा में ‘मैडम का रुतबा’ फिर से कायम हो सकता है। जब वसुंधरा राजे मंच पर पहुंचीं, तो पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल थे, ने उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद एक और दृश्य ने लोगों का ध्यान खींचा, जब कई भाजपा नेताओं ने वसुंधरा राजे के पैर भी छुए।
आलम यह था कि जब वसुंधरा राजे मंच पर पहुंची, तो वहां हलचल मच गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल राठौड़ ने भी वसुंधरा को जनसमूह का अभिवादन करने के लिए आग्रह किया, जिस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यह नजारा इस बात का इशारा था कि वसुंधरा राजे की स्थिति अब भी मजबूत है और उनका प्रभाव पार्टी में बरकरार है।
पीएम मोदी से मुलाकात की नई तस्वीर
लेकिन इस मुलाकात की सबसे खास तस्वीर तब सामने आई, जब वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी को गुलदस्ता (बुके) देकर उनका अभिवादन किया। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इसके बाद से सियासी गलियारों में कयास लगाए जाने लगे कि वसुंधरा राजे को जल्द ही पार्टी संगठन या सरकार में कोई बड़ा पद मिल सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुलाकात पार्टी में वसुंधरा राजे के प्रति मोदी सरकार के सकारात्मक रुख को दर्शाती है, और यह संकेत है कि वह भविष्य में पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी ले सकती हैं।
वसुंधरा और मोदी के रिश्तों में आए सुधार के संकेत
राजस्थान की राजनीति में यह हमेशा से चर्चा का विषय रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे के रिश्ते में कुछ खटास रही है। हालांकि, 17 दिसंबर की मुलाकात और इसके बाद वसुंधरा राजे द्वारा पीएम मोदी को गुलदस्ता देने की तस्वीरों ने इन चर्चाओं को एक तरह से विराम सा दे दिया है। इस मुलाकात से यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों नेताओं के बीच की राजनीतिक दूरी अब खत्म हो सकती है।
साथ ही, यह भी देखा गया कि कार्यक्रम के दौरान वसुंधरा राजे अपनी धुरविरोधी मानी जाने वाली डिप्टी सीएम दीया कुमारी से भी गर्मजोशी से मिलीं। यह घटना इस बात का संकेत है कि पार्टी के अंदर आपसी मतभेद कम हो रहे हैं और अब एकजुटता की ओर बढ़ने की संभावना है।
बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव की संभावना
अब राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे को जल्द ही किसी बड़े संगठनात्मक या सरकारी पद पर नियुक्त किया जाएगा। राजस्थान में भाजपा के भीतर वसुंधरा राजे के समर्थकों की संख्या काफी बड़ी है, और उनके नेतृत्व को लेकर पार्टी में निरंतर चर्चाएं होती रहती हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात और प्रधानमंत्री मोदी से उनकी गर्मजोशी से स्वागत के बाद राजे को संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
इससे पहले, वसुंधरा राजे के राजनीतिक करियर को लेकर कई तरह की अफवाहें थीं, लेकिन अब यह स्पष्ट होता नजर आ रहा है कि भाजपा में उनका ‘रुतबा’ पहले जैसा मजबूत है और पार्टी में उनकी वापसी की संभावनाएं प्रबल हो सकती हैं।