KNEWS DESK- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में डॉ. बीआर आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी नेताओं ने सरकार के खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन किया, और इसे लोकतंत्र के खिलाफ एक गंभीर हमला बताया।
अमित शाह की टिप्पणी पर विपक्षी दलों का विरोध
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राज्यसभा में डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी ने विपक्षी दलों में आक्रोश पैदा कर दिया है। शाह ने आंबेडकर के योगदान और उनके विचारों को लेकर कुछ ऐसे बयान दिए थे, जिन्हें विपक्षी सांसदों ने गलत और अपमानजनक मानते हुए उनका विरोध किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान भारतीय संविधान के निर्माता और दलित समाज के मसीहा के प्रति अपमानजनक हैं।
प्रियंका गांधी का आरोप- सरकार डरी हुई है
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में हंगामे के दौरान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार डर रही है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “सरकार पूरी तरह से डर के साए में काम कर रही है, और विपक्षी आवाजों को दबाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है।”
प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं की बातों को सुनने के बजाय उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रही है, ताकि अपनी नीतियों और कार्यों की आलोचना से बचा जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दरार डालने का काम कर रही है।
विरोध प्रदर्शन और हंगामा
लोकसभा में आज के सत्र में विपक्षी सांसदों ने पूरी तरह से हंगामा मचाया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनके आरोप थे कि सरकार जानबूझकर आंबेडकर के विचारों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रही है, और इस तरह के बयान संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। विपक्ष ने सरकार से तत्काल माफी की मांग की और यह भी कहा कि अगर यह मामला नहीं सुलझाया गया, तो वे और कड़े कदम उठाएंगे।
विरोध प्रदर्शन के बीच, लोकसभा अध्यक्ष ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन स्थिति को देखते हुए अंततः कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा की स्थगन और आगामी सत्र
लोकसभा की स्थगित कार्यवाही ने संकेत दिया है कि संसद के भीतर यह राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है, क्योंकि विपक्षी दलों ने स्पष्ट रूप से अपनी नाराजगी जताई है। संसद के आगामी सत्रों में इस मुद्दे पर बहस और प्रदर्शन की संभावना बनी हुई है। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया है कि डॉ. आंबेडकर का सम्मान किसी भी हालत में कम नहीं किया जा सकता, और उनकी विचारधारा को लेकर किसी भी तरह की गलत टिप्पणी स्वीकार नहीं की जाएगी। लोकसभा की कार्यवाही आज विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डॉ. बीआर आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी सांसदों का विरोध जारी रहा। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और विपक्षी आवाजों को दबाने का आरोप लगाया। यह विवाद अब संसद में एक नई राजनीतिक हलचल का कारण बन सकता है, जो आगामी दिनों में और तेज हो सकता है।
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