ED ने बिहार के IAS अधिकारी संजीव हंस की 23.72 करोड़ की संपत्ति की अटैच, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई कार्रवाई

KNEWS DESK, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने संजीव हंस और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में 23.72 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है। इस कार्रवाई के तहत कुल सात अचल संपत्तियां अटैच की गई हैं, जिनमें नागपुर में तीन भूखंड, दिल्ली में एक फ्लैट और जयपुर में तीन फ्लैट शामिल हैं। ये संपत्तियां संजीव हंस, उनके सहयोगियों प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के नाम पर हैं।

IAS अफसर संजीव हंस के खिलाफ ED का एक्शन, 3 शहरों में ₹23 करोड़ की संपत्ति  जब्त - bihar ias officer Sanjeev Hans ed action several properties Delhi  Nagpur Jaipur attached ntc - AajTak

ईडी ने हाल ही में दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके सहयोगियों के खिलाफ 13 स्थानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी संजीव हंस के करीबी सहयोगियों और रियल एस्टेट एवं सेवा क्षेत्र से जुड़े अन्य व्यक्तियों के परिसरों पर की गई। इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्तियां जब्त की गईं, जो उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले को मजबूत करती हैं। इसके अलावा ईडी ने संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नियों को भी समन भेजा था। ईडी ने दोनों से पूछताछ के लिए पटना स्थित अपने दफ्तर में पेश होने को कहा था। संजीव हंस की पत्नी ईडी कार्यालय पहुंचीं, जबकि गुलाब यादव की पत्नी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुईं।

मनी लॉन्ड्रिंग केस और छापेमारी

ईडी का कहना है कि संजीव हंस और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। छापेमारी के दौरान मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हो रहा है कि ये संपत्तियां भ्रष्टाचार और अवैध तरीके से अर्जित की गई हैं। ईडी ने अपनी कार्रवाई के दौरान संजीव हंस के खिलाफ कई अहम सबूत एकत्र किए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि उनकी संपत्तियों की कीमत उनकी घोषित आय से कहीं अधिक है। इसके अलावा संजीव हंस के संबंध रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्र में काम करने वाले कई संदिग्ध व्यक्तियों से हैं, जो इस मामले को और जटिल बना रहे हैं।

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