KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा का जवाब देते हुए गांधी परिवार और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया और राजनीतिक हित के लिए संविधान में बार-बार संशोधन किए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टोलरेंस’ नीति पर काम कर रही है।
इस भाषण के बाद, राजनीतिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली। शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर गंभीर सवाल उठाए। राउत ने पीएम मोदी के भ्रष्टाचार पर दिए बयान को लेकर आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी पार्टी के नेताओं के बारे में भी सोचना चाहिए।
राउत का हमला: ‘अजित पवार और एकनाथ शिंदे पर पीएम को सवाल करना चाहिए’
संजय राउत ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टोलरेंस नीति की बात कर रहे हैं, तो उन्हें पहले अपनी पार्टी के नेताओं के बारे में सोचना चाहिए। अजित पवार को उनकी पार्टी से बाहर क्यों नहीं किया गया? एकनाथ शिंदे जैसे भ्रष्ट नेताओं के साथ क्यों बैठे हैं? प्रधानमंत्री को यह सवाल अपने आप से करना चाहिए कि वे कितने भ्रष्ट नेताओं से घिरे हुए हैं।”
राउत ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘जीरो टोलरेंस’ के दावे को झूठा बताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जो कहते हैं, वह कभी नहीं करते। वे अदाणी जैसे विवादित व्यापारियों के साथ खड़े हैं, जबकि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ होने की बात करती है। यह सिर्फ शब्दों का खेल है।”
प्रधानमंत्री मोदी का बयान और कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी टिप्पणी में कांग्रेस और गांधी परिवार पर संविधान को कमजोर करने और राजनीतिक लाभ के लिए बार-बार इसमें संशोधन करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि गांधी परिवार ने हमेशा संविधान की महत्वता को नकारा है और केवल अपने हितों के लिए संविधान में बदलाव किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार ने लोकतंत्र और संविधान की जो विरासत छोड़ी है, वह आज देश को एक सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था के रूप में चुनौती दे रही है।
राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री के बयान के बाद से विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रियाएं दीं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे सिर्फ अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद कई बार संविधान की भावना का उल्लंघन करने में शामिल रहे हैं और उनका बयान सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश है।
वहीं, राउत के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक विवाद, विशेष रूप से शिंदे और पवार के साथ भाजपा के रिश्तों, को लेकर भी विपक्षी दलों का हमला जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा में दिया गया भाषण और उस पर संजय राउत की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत हैं कि देश की राजनीति में संविधान और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहरी बहस हो रही है। पीएम मोदी के आरोपों और विपक्षी नेताओं के पलटवार से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गर्मा सकता है, क्योंकि दोनों पक्ष अपने-अपने नजरिए से संविधान और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।
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