सरकार सख्त, सिस्टम पस्त !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2025 की विकास योजनाओं पर अभी से मंथन शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने शासन के उच्च अधिकारियों की बैठक लेते हुए साल 2025 की विभिन्न विकास योजनाओं पर मंथन किया साथ ही राज्य के विकास के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। वहीं एक ओर जहां मुख्यमंत्री धामी साल 2025 में विकास कार्यों पर मंथन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राज्य में एक के बाद एक कई घटनाओँ में अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है। आपको बता दें कि उत्तरकाशी में भीषण अग्निकांड की घटना सामने आई है। इस अग्निकांड में 7 मकान व 5 दुकानें जलकर राख हो गई है। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। हांलाकि सबकुछ जलकर राख हो गया है। पीडितो के मुताबिक सूचना देने के बाद भी समय पर फायर ब्रिगेड की गाडियां मौके पर नहीं पहुंची जिसकी वजह से नुकसान अधिक हुआ है। दमकल विभाग के पास मात्र एक गाड़ी आग बुझाने के लिए थी जो करीब डेढ़ घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग को सूचना देने के बाद भी अधिकारी समय पर मौके पर नहीं पहुंचे जिसकी वजह से लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं दूसरी ओर देहरादून में भी अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। यहां तेज रफ्तार को थामने के लिए बनाया गया स्पीड ब्रेकर जानलेवा साबित हो गया. स्पीड ब्रेकर की अधिक ऊंचाई के चलते एक के बाद एक कई गाड़ियां दुर्घटना का शिकार हुई. वहीं अब इस मामले में भी जांच के आदेश दिये हैँ। सवाल ये है कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री साल 2025 की योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आ रही है।

उत्तराखंड में अधिकारियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. एक के बाद एक कई घटनाओं में ये लापरवाही साफ देखने को मिली है। जिसका खामियाजा आम जनता को भूगतना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ उत्तरकाशी में सामने आया है। जहां 7 मकान व 5 दुकानें जलकर राख हो गई है। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। हांलाकि सबकुछ जलकर राख हो गया है। पीडितो के मुताबिक सूचना देने के बाद भी समय पर फायर ब्रिगेड की गाडियां मौके पर नहीं पहुंची जिसकी वजह से नुकसान अधिक हुआ है। दमकल विभाग के पास मात्र एक गाड़ी आग बुझाने के लिए थी जो करीब डेढ़ घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग को सूचना देने के बाद भी अधिकारी समय पर मौके पर नहीं पहुंचे जिसकी वजह से लोगों में काफी आक्रोश है।

आपको बता दें कि राज्य में अफसरशाही के हावी होने के साथ ही लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही कुछ देहरादून में भी देखने को मिला जहां घंटाघर के पास एक एक ऐसा जानलेवा स्पीड ब्रेकर बना दिया गया जिससे आये दिन हादसे होने लगे. स्पीड ब्रेकर की अधिक ऊंचाई के चलते एक के बाद एक कई गाड़ियां दुर्घटना का शिकार हुई. वहीं अब इस मामले में भी जांच के आदेश दिये हैँ। वहीं अधिकारियों की इस लापरवाही पर पक्ष विपक्ष आमने सामने आ गये हैं।

कुल मिलाकर एक ओर जहां राज्य सरकार अभी से 2025 की विकास योजनाओं पर मंथन शुरू कर रही है तो वही दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में सवाल ये है कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री साल 2025 की योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर अधिकारियों की घोर लापरवाही आखिर कब थमेगी, आखिर कब बेलगाम अधिकारियों पर सरकार कब लगाम लगाएगी

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