KNEWS DESK- भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं की विदेशी ताकतों से सांठगांठ है, जो भारत को अस्थिर करने की मंशा रखती हैं। पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठन, फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स-एशिया पैसिफिक फाउंडेशन (FDL-AP), में अपनी भूमिका का खुलासा करने की मांग की। भाजपा का दावा है कि सोनिया गांधी एफडीएल-एपी फाउंडेशन की सहअध्यक्ष हैं और यह वही जॉर्ज सोरोस हैं जिन्होंने मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए एक अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की थी।
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की योजना भारत की स्थिति को और भी बदतर बनाना है। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की विदेशी ताकतों से सांठगांठ अब पूरी तरह से उजागर हो चुकी है।
कांग्रेस का पलटवार: भाजपा पर विदेशी संबंधों को दांव पर लगाने का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का तीखा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने कारोबारी गौतम अदाणी के लिए भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दांव पर लगा दिया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख श्रीनिवास बी. खेड़ा ने दावा किया कि भाजपा से जुड़े कई मंत्रियों के बच्चों को जॉर्ज सोरोस की संस्था से अनुदान मिला है। खेड़ा ने कहा कि असली मुद्दा यह है कि भाजपा सरकार एक व्यक्ति (अदाणी) को बचाने के लिए देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरे में डालने को तैयार है।
खेड़ा ने यह भी कहा कि यह षड्यंत्र 2002 से ही शुरू हो गया था और आज भी जारी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अमेरिकी विदेश विभाग पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद विदेश विभाग ने कहा कि इससे भारत और अमेरिका के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
भाजपा का आरोप: सुनियोजित भारत विरोधी घटनाएं
सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस और विदेशी ताकतों की सांठगांठ के कारण कुछ घटनाएँ और रिपोर्ट्स जानबूझकर ऐसे समय पर आईं, जब संसद सत्र चल रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 3 फरवरी, 2021 को किसान आंदोलन पर एक रिपोर्ट आई, 18 जुलाई, 2021 को पेगासस रिपोर्ट और 24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई। त्रिवेदी का कहना था कि यह सभी घटनाएँ महज संयोग नहीं हैं, बल्कि सुनियोजित रूप से भारत विरोधी प्रयोग हैं, जिनका उद्देश्य संसद की कार्यवाही को बाधित करना था।
भाजपा के आरोपों के बीच यह राजनीतिक विवाद तूल पकड़ता जा रहा है, जिसमें दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस की विदेशी ताकतों से सांठगांठ देश को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार अपने कारोबारी मित्रों को बचाने के लिए भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरे में डाल रही है। यह विवाद अब आगे बढ़ते हुए दोनों दलों के बीच तीव्र राजनीतिक संघर्ष को और बढ़ा सकता है, और आगामी चुनावों में इसकी गूंज सुनाई दे सकती है।
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