KNEWS DESK- पंजाब सरकार ने जेल में बंद कैदियों को रिहाई के बाद समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए एक अनूठा और सराहनीय कदम उठाया है। सरकार की ओर से प्रदेश की सात जेलों में कैदियों को विशेष कौशल विकास कोर्स करवाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रिहाई के बाद कैदी अपराध के चक्र में वापस न लौटें और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बन सकें।
पंजाब स्किल डेवलपमेंट मिशन को सौंपी जिम्मेदारी
पंजाब स्किल डेवलपमेंट मिशन (पीएसडीएम) को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिशन ने इस दिशा में तेजी से कार्य शुरू कर दिया है और पहले चरण में 1,000 कैदियों को इन कोर्स में शामिल करने की योजना बनाई गई है। इन कोर्सों में डाटा एंट्री ऑपरेटर, शेफ, हेयर स्टाइलिस्ट और फील्ड टेक्नीशियन जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं।
एजेंसी की तलाश और कोर्स की शुरुआत
पीएसडीएम ने इस काम को संचालित करने के लिए एक सक्षम एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है। योजना के अनुसार, नवंबर माह से ही सभी जेलों में ये कोर्स शुरू कर दिए जाएंगे। तीन महीने की अवधि वाले इन कोर्सों को 15 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत 500 कैदियों को मिशन की ओर से प्रशिक्षण दिया गया था, जो अत्यंत सफल रहा। इसी सफलता के आधार पर अब इस योजना को व्यापक रूप से लागू किया जा रहा है। भविष्य में, दूसरे और तीसरे चरण के तहत और अधिक कैदियों को इस प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा।
महिला कैदियों के लिए विशेष प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला कैदियों के कौशल विकास पर भी विचार किया जा रहा है। उनके लिए भी विशेष कोर्स तैयार किए जाएंगे ताकि वे अपनी रिहाई के बाद आत्मनिर्भर बन सकें।
प्रमुख जिलों का योगदान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विभिन्न जिलों की जेलों में कैदियों का चयन किया गया है।
- पटियाला: सबसे अधिक 300 कैदियों को कोर्स में शामिल किया जाएगा।
- फरीदकोट: 160 कैदियों को चयनित किया गया है।
- लुधियाना: 250 कैदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मोगा: 90 कैदियों को शामिल किया गया है।
- बठिंडा: 65 कैदियों को चयनित किया गया है।
- मानसा: 30 कैदियों को कोर्स में भाग लेने का मौका मिलेगा।
उम्मीदों का नया सवेरा
पंजाब सरकार की यह पहल कैदियों के जीवन को सकारात्मक दिशा देने और समाज में उनकी पुनर्वापसी को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयास न केवल अपराध दर को कम करने में मदद करेंगे बल्कि समाज को भी एक नई दिशा प्रदान करेंगे।
ये भी पढ़ें- मेले, अतीत से जोड़ते हैं, बढ़ाते हैं मेल-मिलाप- मुख्यमंत्री मोहन यादव