KNEWS DESK – भारत में इन दिनों अडानी समूह के अरबपति प्रमुख गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों को लेकर राजनीति गरमा गई है। अमेरिकी कोर्ट में अडानी की कंपनियों पर धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि उन पर गंभीर आरोप हैं और वे बिना किसी डर के खुलेआम घूम रहे हैं।
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी समूह के अरबपति प्रमुख गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अडानी पर अमेरिका में लगे हजारों करोड़ रुपये के आरोपों के बावजूद उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जबकि छोटे आरोपों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने इसे मोदी सरकार की ‘साजिश’ करार दिया और कहा कि सरकार अडानी को बचा रही है।
राहुल गांधी ने 27 नवंबर को संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा, “अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। क्या आपको लगता है कि अडानी अमेरिकी कोर्ट के आरोपों को स्वीकार करेंगे? मुझे नहीं लगता। अगर इस देश में छोटे-मोटे आरोपों में लोग गिरफ्तार हो सकते हैं, तो अडानी को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा सकता?” राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के बीच रिश्ते को लेकर यह मामला पूरी तरह से साफ हो चुका है, और प्रधानमंत्री मोदी अडानी के साथ भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
लालू प्रसाद यादव ने किया राहुल गांधी समर्थन
राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है कि अडानी को लेकर ‘मोदानी इकोसिस्टम’ ने अपने बचाव में कानूनी शिगूफे छोड़े हैं। उन्होंने कहा कि ये कदम अमेरिकी एजेंसियों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की गंभीरता को कम नहीं कर सकते।
इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का कहना सही है, अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह देश की साख से जुड़ा मामला है।”
अमेरिकी कोर्ट में लगे आरोप
अमेरिकी कोर्ट में यह मामला उस वक्त सामने आया, जब गौतम अडानी की कंपनियों पर आरोप लगे कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की और भारत में अधिकारियों को रिश्वत दी। आरोप है कि अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल ने 2020 से 2024 के बीच भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, ताकि उन्हें सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल हो सकें।
भाजपा का पलटवार
इन आरोपों के बीच भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, “यह कांग्रेस का हमला नहीं है, बल्कि सोरोस की स्क्रिप्ट है, जिसे भारत में लागू किया जा रहा है।” भाजपा का यह आरोप कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा आरोप बन सकता है, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर रहा है।
किसे मिलेगा समर्थन
गौतम अडानी के खिलाफ आरोपों की बढ़ती गंभीरता के बीच राजनीतिक बवाल जारी है। जहां एक तरफ कांग्रेस और आरजेडी अडानी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे विदेशी निवेशकों की साजिश करार दे रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में किस पार्टी का रुख मजबूत होता है और क्या गौतम अडानी को इस स्थिति से बचने का कोई रास्ता मिलता है।