KNEWS DESK – बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक हलकों में गहरी नाराजगी है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और केंद्र सरकार से बांग्लादेश सरकार के साथ हस्तक्षेप करने की अपील की है।
केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किया पोस्ट
बता दें कि केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “चिन्मय कृष्ण दास जी के साथ हुए अन्याय के खिलाफ पूरा देश उनके साथ खड़ा है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर दास जी को जल्द से जल्द मुक्त कराएं।”
https://x.com/ArvindKejriwal/status/186161612083
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मामला
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब ढाका पुलिस ने इस्कॉन के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया। दास पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। यह आरोप एक पूर्व बीएनपी नेता फिरोज खान ने लगाए हैं, जिन्होंने दावा किया कि 25 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू समुदाय की रैली में दास और अन्य 18 लोगों ने राष्ट्र ध्वज का अपमान किया था।
हालांकि, दिलचस्प यह है कि आरोप लगाने वाले फिरोज खान कुछ दिनों बाद बीएनपी पार्टी से बाहर हो गए थे, जब उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इस्कॉन और भारत सरकार की प्रतिक्रिया
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर इस्कॉन ने भी अपनी नाराजगी जताई है। इस्कॉन ने कहा कि बांग्लादेश में सनातन धर्म के अनुयायी नागरिकों के रूप में न्याय के अधिकारी हैं, और किसी भी भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार से कुछ प्रमुख मांगें की हैं, जिनमें चिन्मय कृष्ण दास और अन्य सनातन धर्मियों के अधिकारों की सुरक्षा, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे हमलों की जांच, और देश में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए कदम उठाने की मांग शामिल है।
भारत सरकार ने भी इस गिरफ्तारी पर नाराजगी व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हमलावर बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदू नेताओं को सिर्फ उनके अधिकारों की मांग करने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को अपने आंतरिक मामलों में सुधार लाने की आवश्यकता है और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
बांग्लादेश सरकार का जवाब
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के विदेश मंत्रालय के बयान पर प्रतिक्रिया दी और इसे अपना आंतरिक मामला बताया। मंत्रालय ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से बांग्लादेश का है और इसमें बाहरी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।