गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारिता के प्रमुख सिद्धांतों पर दिया जोर, ग्रामीण बैंकिंग को लेकर कहा ये

KNEWS DESK-  केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र का आधार “सभी का सहयोग, सभी का कल्याण और समान लाभ वितरण” होना चाहिए, और इनके बिना इच्छित लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल होगा। शाह यह बातें नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स लिमिटेड (नैफस्कॉब) के हीरक जयंती समारोह के दौरान संबोधित करते हुए कही।

पीएसीएस को सशक्त बनाना जरूरी

अमित शाह ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ये समितियां राज्य और जिला सहकारी बैंकों की नींव रखती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जब तक पैक्स कम्प्यूटरीकृत और प्रशासनिक रूप से कुशल नहीं बनते, तब तक जिला और राज्य सहकारी बैंक प्रभावी तरीके से काम नहीं कर सकते। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यदि इन बैंकों को मजबूत करना है तो पैक्स को भी मजबूत और कुशल बनाना अनिवार्य है।

नाबार्ड से जुड़ाव और सरकारी पहल

शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद से सरकार ने लगभग सभी पैक्स को कंप्युटराइज कर दिया है। यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर अब राज्य की विभिन्न भाषाओं में काम करता है और आठ भाषाओं में उपलब्ध है। इसके अलावा, पैक्स अब न केवल जिला और राज्य सहकारी बैंकों के साथ, बल्कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से भी जुड़ गए हैं, जिससे कृषि क्षेत्र में और अधिक समृद्धि लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

सहकारिता की भावना में कमी पर चिंता

गृह मंत्री ने कुछ पैक्स और सहकारी बैंकों में सहकारिता की भावना की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है, और सहकारिता के मूल्यों को मजबूत करने की आवश्यकता है। उनका मानना था कि गांव के सभी मुद्दों को पैक्स से संबंधित किया जाना चाहिए और जिला स्तर पर सहकारी बैंक को इनका निपटारा करना चाहिए।

दीर्घावधि वित्त की उपलब्धता

अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही पैक्स के माध्यम से दीर्घावधि वित्त उपलब्ध कराएगी, ताकि किसानों को सशक्त किया जा सके और उनके लिए वित्तीय संसाधन आसानी से उपलब्ध हो सकें। इस पहल से किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, साथ ही सहकारी क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।

नैफस्कॉब की भूमिका पर जोर

अंत में, अमित शाह ने नैफस्कॉब से आग्रह किया कि वह सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को सशक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि नैफस्कॉब को पैक्स को व्यवहारिक, पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए कार्य करना चाहिए, ताकि यह क्षेत्र पूरी तरह से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।

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