KNEWS DESK- इंदौर में यूरेशियन ग्रुप की अंतर्राष्ट्रीय बैठक शुरू हो गई, जिसमें 25 देशों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्घाटन स्थानीय नेताओं ने किया, जिसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मेयर पुष्यमित्र भार्गव और सांसद शंकर लालवानी ने अतिथियों का स्वागत किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के लिए होने वाली फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों की रोकथाम के लिए कारगर रणनीतियों का निर्माण करना है।
साइबर अपराध को लेकर मंत्री विजयवर्गीय का बयान
बैठक के उद्घाटन सत्र में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि साइबर अपराध देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब अपराधी किसी भी देश में बैठकर अपराध कर सकते हैं, और आतंकवादी भी इस तकनीकी माध्यम का इस्तेमाल कर रहे हैं। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा, “साइबर अपराध करने वाला अपराधी अब पुलिस से ज्यादा स्मार्ट हो चुका है। इन अपराधियों से निपटने के लिए कारगर रणनीति की आवश्यकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत धीरे-धीरे वैश्विक ताकत बनता जा रहा है और देश हमेशा शांति की कोशिश करेगा।
आतंकवाद की फंडिंग पर सांसद शंकर लालवानी की टिप्पणी
सांसद शंकर लालवानी ने इस अवसर पर कहा कि आतंकवाद के लिए फंडिंग उस हिंसा का मूल कारण है। उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे मिलकर आतंकवाद की फंडिंग पर अंकुश लगाएं, क्योंकि यही आतंकवाद को कमजोर करने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवादी कई बार नकली करेंसी का सहारा लेकर देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, जिसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर की पहचान पर प्रकाश डाला
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर को इस बैठक की मेज़बानी करने का अवसर मिलने पर गर्व महसूस किया। उन्होंने कहा, “इंदौर देश का सबसे साफ शहर है और इसे देश की नंबर वन स्मार्ट सिटी होने का भी गौरव प्राप्त है। इसके अलावा, इंदौर ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने में भी सक्रिय है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बैठक से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ेगा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर काम करने के लिए नई दिशा मिलेगी।
प्रतिनिधियों ने साझा किए विचार
स्वागत सत्र के बाद, अलग-अलग देशों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी और अपनी सरकारों के प्रयासों को साझा किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार करना है। इन अपराधों को वैश्विक स्तर पर प्रभावी रूप से रोकने के लिए देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
यह बैठक वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, और यह साबित करती है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद और अन्य संगठित अपराधों के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रतिबद्ध है।