KNEWS DESK, झारखंड के दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में हालिया विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। कुल 15 सीटों वाले इस प्रमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस ने मिलकर 13 सीटों पर कब्जा जमाया। 12 आरक्षित सीटों वाले इस क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा, जो राज्य के गठन के बाद से एनडीए का सबसे खराब प्रदर्शन है।
सीटों का बंटवारा
इंडिया गठबंधन में शामिल झामुमो ने 7 सीटें और कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केवल 2 सीटों से संतोष करना पड़ा। आजसू पार्टी और जदयू जैसी एनडीए की सहयोगी पार्टियां कोई भी सीट जीतने में नाकाम रहीं।
आरक्षित सीटों पर इंडिया गठबंधन का दबदबा
प्रमंडल की सभी 12 आरक्षित सीटों पर एनडीए गठबंधन का खाता भी नहीं खुला। कांके, खूंटी, सिमडेगा और तोरपा जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वहीं झामुमो और कांग्रेस ने इन सीटों पर अपने प्रभाव को बरकरार रखा। यह जीत गठबंधन के जमीनी संगठनों की ताकत और जनसमर्थन को दर्शाती है।
एनडीए का सबसे खराब प्रदर्शन
दक्षिणी छोटानागपुर में एनडीए गठबंधन का प्रदर्शन राज्य गठन के बाद से सबसे खराब रहा। ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) जैसी सहयोगी पार्टियां भी कोई सीट जीतने में असफल रहीं। भाजपा ने जो दो सीटें जीतीं, वे भी पहले की तुलना में घट गई हैं, जिससे पार्टी के क्षेत्रीय प्रभुत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इंडिया गठबंधन की सफलता के कारण
झामुमो और कांग्रेस ने स्थानीय जरूरतों और आदिवासी मुद्दों को प्राथमिकता दी, जिससे जनता का व्यापक समर्थन मिला। झामुमो और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा प्रभावी ढंग से हुआ, जिससे गठबंधन ने विरोधी दलों को कमजोर किया। एनडीए गठबंधन स्थानीय मुद्दों को समझने और उनके समाधान प्रस्तुत करने में असफल रहा।