KNEWS DESK – केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया कि अब मतदाता केवल नकारात्मक प्रचार पर नहीं, बल्कि काम करने वाली सरकारों को जनादेश देने में विश्वास रखते हैं। शनिवार को घोषित परिणामों में कांग्रेस के नकारात्मक प्रचार के बावजूद बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली है। मतदाताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकास कार्यों पर अपनी मुहर लगाई, खासकर केदारनाथ धाम और यात्रा को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना की।
नकारात्मक प्रचार को नकारा
आपको बता दें कि इस उपचुनाव में कांग्रेस ने मुख्य रूप से नकारात्मक मुद्दों पर प्रचार किया। कांग्रेस के नेताओं ने चारधाम यात्रा के मुद्दे को लेकर विवाद उठाया और क्षेत्रवाद, जातिवाद जैसे मुद्दों को हवा दी। पार्टी ने दावा किया कि यह मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल और कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के बीच नहीं, बल्कि ‘धाम और धामी’ के बीच है। इसके अलावा, कांग्रेस ने केदारनाथ मंदिर के दान में मिले सोने और अन्य विवादों पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने स्थानीय जातियों के बीच भेदभाव का मुद्दा भी उठाया, लेकिन मतदाताओं ने इन सभी नकारात्मक प्रचार को सिरे से नकारते हुए बीजेपी के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी।
मुख्यमंत्री धामी ने विकास को दी प्राथमिकता
वहीं, बीजेपी के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव की लड़ाई को विकास के मुद्दे पर केंद्रित किया। उन्होंने केदारनाथ सहित पूरे चारधाम यात्रा मार्ग में किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और सरकार की योजनाओं को जनता के सामने रखा। धामी ने बताया कि विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद उन्होंने खुद को केदारनाथ सीट का विधायक मानते हुए क्षेत्र के विकास के लिए 700 करोड़ रुपये की घोषणाएं की थीं, जिनके शासनादेश भी जारी हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ प्रेम का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे मोदी ने 2013 में आई जलप्रलय के बाद केदारपुरी को फिर से संवारा और आज यह स्थल नए स्वरूप में दिखाई दे रहा है। मोदी के 7 बार केदारनाथ दौरे को भी धामी ने अपने प्रचार का हिस्सा बनाया। बीजेपी ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में एक सकारात्मक चुनाव अभियान चलाया, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के विधायकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
आधुनिक उत्तराखंड के लिए संकल्प
केदारनाथ उपचुनाव का परिणाम साफ तौर पर यह बताता है कि बीजेपी ने कांग्रेस के नकारात्मक प्रचार को प्रभावी ढंग से नकारा और विकास कार्यों पर फोकस कर जनता का विश्वास जीतने में सफलता पाई। इस चुनाव ने यह भी सिद्ध कर दिया कि उत्तराखंड के लोग अब जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी पुरानी राजनीति से ऊपर उठकर एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनाने के लिए अपने नेताओं के कामकाज को प्राथमिकता देते हैं। बीजेपी की जीत न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।