केदारनाथ उपचुनाव 2024: भाजपा की आशा नौटियाल ने एक बार फिर दर्ज की जीत, तीसरी बार बनीं विधायक

KNEWS DESK –  केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव 2024 के नतीजे शनिवार को घोषित हुए, और इस बार भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत का परचम लहराया। भाजपा की उम्मीदवार आशा नौटियाल ने कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत को 5,623 मतों के अंतर से हराया। आशा नौटियाल को कुल 23,814 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के मनोज रावत को 18,191 वोट मिले। इस जीत ने भाजपा को एक बार फिर इस क्षेत्र में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।

केदारनाथ में महिलाओं का दबदबा बरकरार

केदारनाथ विधानसभा सीट पर महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका ने एक बार फिर इस उपचुनाव में अपनी छाप छोड़ी। दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर छह में से पांच बार महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

  1. महिला प्रत्याशियों की जीत का सिलसिला:
    • 2002 और 2007 के चुनाव में भाजपा की आशा नौटियाल ने लगातार जीत हासिल की।
    • 2012 में कांग्रेस की शैला रानी रावत ने भाजपा को मात दी।
    • 2022 में भी शैला रानी ने जीत दर्ज की, यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र में महिला उम्मीदवारों को जनता का विशेष समर्थन मिलता है।
    • 2024 के उपचुनाव में आशा नौटियाल की जीत ने इस परंपरा को और मजबूत किया।
  2. पुरुषों की तुलना में महिलाओं की अधिक भागीदारी:
    केदारनाथ में महिला मतदाता न केवल संख्या में अधिक हैं, बल्कि मतदान में उनकी भागीदारी भी पुरुषों से ज्यादा है।

    • इस उपचुनाव में 61.64% महिला मतदाताओं ने वोट डाले, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 55.65% रहा।
    • कुल 28,329 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो पुरुष मतदाताओं (25,197) से 3,132 अधिक हैं।

भाजपा की जीत के पीछे कारण

  1. महिला मतदाताओं का झुकाव:
    • महिलाओं की बड़ी संख्या और उनका समर्थन भाजपा के लिए निर्णायक साबित हुआ।
    • आशा नौटियाल के पिछले कार्यकाल और क्षेत्र में महिलाओं के लिए उनकी योजनाओं ने उन्हें महिला मतदाताओं का पसंदीदा उम्मीदवार बना दिया।
  2. बाबा केदारनाथ की आध्यात्मिक छवि का प्रभाव:
    • भाजपा ने अपने प्रचार में केदारनाथ धाम के विकास कार्यों को प्रमुखता दी, जिसे बाबा केदार के आशीर्वाद के रूप में पेश किया गया।
    • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ में किए गए विकास कार्य भी पार्टी के पक्ष में गए।
  3. कांग्रेस की कमजोर पकड़:
    • कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत के पक्ष में महिला मतदाता और युवा वर्ग खास उत्साहित नहीं दिखा।
    • भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने क्षेत्र के विकास को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई।

महिलाओं की निर्णायक भूमिका का राजनीतिक महत्व

केदारनाथ उपचुनाव ने एक बार फिर दिखा दिया कि इस क्षेत्र की राजनीति में महिलाओं का निर्णायक योगदान है।

  • यहां की महिला मतदाता न केवल संख्या में अधिक हैं, बल्कि चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
  • इस सीट पर पांच बार महिला विधायक चुनी गईं, जो महिलाओं की सशक्त भागीदारी का प्रतीक है।

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