KNEWS DESK- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए आज सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव हुआ था। इस चुनाव में प्रमुख मुकाबला महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच देखा जा रहा है। महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) शामिल हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) का गठबंधन है।
महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच तकरार
इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। महायुति (एनडीए गठबंधन) के नेतृत्व में बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी एकजुट हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी (महाविकास गठबंधन) में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं। दोनों गठबंधनों ने चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी और एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप भी किए गए थे।
एग्जिट पोल का अनुमान
अधिकतर एग्जिट पोल में यह अनुमान जताया गया है कि महायुति गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है। बीजेपी के नेतृत्व में शिंदे गुट और अजित पवार के एनसीपी गुट को जनता का समर्थन मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके विपरीत, महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए एग्जिट पोल में सीटों की संख्या कम होने का अनुमान है।
बारामती में अजित पवार का शक्ति प्रदर्शन
बारामती में अजित पवार के समर्थकों द्वारा बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं, जिसमें उन्हें राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है। इन पोस्टरों में यह संदेश दिया जा रहा है कि अजित पवार को ही महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बनना चाहिए, जो उनकी शक्ति और क्षेत्रीय राजनीति में प्रभाव को दर्शाता है। इस क्षेत्र में उनकी उपस्थिति और नेतृत्व के प्रति समर्थकों का उत्साह साफ नजर आ रहा है, जबकि उनके विरोधी दल भी उनकी बढ़ती ताकत पर सवाल उठा रहे हैं।
राजनीतिक भविष्य का होगा निर्धारण
मतगणना के बाद यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। चुनावी नतीजों से यह भी पता चलेगा कि किस गठबंधन को राज्य की जनता का अधिक समर्थन मिला है। यदि महायुति बहुमत हासिल करती है, तो अजित पवार की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी मजबूत हो सकती है। वहीं, महाविकास अघाड़ी की स्थिति भी मतगणना के बाद स्पष्ट होगी, जिसमें यदि वे वापसी करते हैं, तो उद्धव ठाकरे या शरद पवार का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आ सकता है।
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