KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस उपचुनाव में कुल 90 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 34,35,974 मतदाता करेंगे। इन मतदाताओं में 18,46,846 पुरुष, 15,88,967 महिला और 161 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। मतदान का दौर मीरापुर, कुन्दरकी, गाजियाबाद, खैर (अजा.), करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हुआ है।
अखिलेश यादव ने किया मतदान का आह्वान
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतदान से पहले जनता से अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “ये मणिपुर नहीं है, ये उत्तर प्रदेश के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से आई तस्वीरें हैं। सवाल यह है कि क्या उप्र सरकार की नाकामी के कारण अब जनता का विश्वास इतना कम हो गया है कि वे सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं और वोट देने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं।”
अखिलेश ने कहा कि लोकतंत्र ‘दलबल’ से नहीं बल्कि ‘जनबल’ से चलता है और जनता को इस पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने वोटरों से किसी भी तरह के डर के बिना बड़े पैमाने पर मतदान करने की अपील की।
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा और वेबकास्टिंग की व्यवस्था
आज के चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खास ध्यान रखा गया है। मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके। कुल 1994 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी और चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने 9 सामान्य प्रेक्षक, 5 पुलिस प्रेक्षक और 9 व्यय प्रेक्षक तैनात किए हैं।
इसके अलावा, चुनावी सामग्री की व्यवस्था भी पुख्ता की गई है। कुल 5151 ईवीएम कंट्रोल यूनिट, 5171 बैलट यूनिट और 5524 वीवी पैट तैयार किए गए हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। मतदान के दौरान किसी भी तरह की शिकायत के लिए एक हेल्पलाइन नंबर – 1800-180-1950 भी जारी किया गया है।
मतदान के लिए जुटे कर्मचारी और वाहन
चुनाव प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए कुल 843 भारी वाहन, 762 हल्के वाहन और 16318 मतदान कर्मियों की तैनाती की गई है। मतदान प्रतिशत की जानकारी भी हर दो घंटे में मीडिया को भेजी जाएगी। यह उपचुनाव यूपी की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है और सभी पार्टियां इसे बड़ी प्राथमिकता दे रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि ये उपचुनाव आगामी लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा पर प्रभाव डाल सकते हैं।