KNEWS DESK, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोर पकड़ रही है। अमेरिका में 46 सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील की है कि वह पाकिस्तान पर दबाव डालें ताकि इमरान खान और अन्य राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जा सके।
सांसदों की अपील में मानवाधिकारों और लोकतंत्र की बात
कांग्रेस के सदस्यों सुसान वाइल्ड और जॉन जेम्स के नेतृत्व में किए गए इस द्विदलीय पत्र में संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसमें पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के हनन को उजागर किया गया। यह पत्र पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अमेरिकी विंग द्वारा एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया। पत्र में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सांसदों ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की आलोचना की और कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
फरवरी 2024 के चुनावों पर चिंता
सांसदों ने H. Res. 901 प्रस्ताव का हवाला देते हुए पाकिस्तान में होने वाले आगामी चुनावों में पारदर्शिता की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआई समर्थकों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है, चुनावी प्रक्रिया में धांधली की जा रही है और प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। सांसदों ने इमरान खान के साथ-साथ पीटीआई नेताओं यास्मीन राशिद और शाह महमूद कुरैशी की लंबी हिरासत का भी उल्लेख किया। पत्र में पाकिस्तान में इंटरनेट की गति धीमी करने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर भी सवाल उठाए गए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सरकार ने अमेरिकी सांसदों की इस अपील को खारिज करते हुए इसे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की नेता शेरी रहमान ने इस पत्र की निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है और देश की चुनावी प्रक्रिया को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।
इमरान खान की जेल यात्रा और मौजूदा स्थिति
अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान खान पर विभिन्न आरोप लगे हैं। उनके समर्थकों और विपक्षी दल पीटीआई ने इन गिरफ्तारियों को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। अमेरिका में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय और PTI समर्थकों का कहना है कि इमरान खान और उनके नेताओं की गिरफ्तारी पाकिस्तान के लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए खतरा है।