KNEWS DESK, नई दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करके 10.30 करोड़ रुपये ठगने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जालसाजों ने बुजुर्ग को फोन कॉल करके आठ घंटे तक मानसिक दबाव में रखा और उनका बैंक खाता विवरण हासिल कर लिया। इसके बाद आरोपियों ने पैसे को कई बैंक खातों में ट्रांसफर करके ठगी की रकम को हड़प लिया। पीड़ित ने ठगी का अहसास होने के बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
शुरुआती जांच में यह सामने आया कि ठगों ने कंबोडिया से फोन कॉल की थी। इस कॉल के दौरान जालसाजों ने बुजुर्ग से कहा कि वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ का सामना कर रहे हैं और उन्हें कमरे में बंद रहने को कहा गया। इसके बाद आरोपियों ने बुजुर्ग का विश्वास जीतते हुए उनका बैंक खाता विवरण हासिल किया और फिर पैसे की निकासी शुरू कर दी। जालसाजों ने बुजुर्ग से यह भी कहा कि वे अपने बेटे और बेटी से पैसे मांगने के लिए कहें ताकि उनकी स्थिति बेहतर हो सके। लेकिन जब जालसाजों का दबाव बढ़ा और बुजुर्ग को संदेह हुआ, तो उन्होंने लैपटॉप को बंद कर कमरे से बाहर निकलने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने तुरंत रोहिणी साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
बता दें कि पीड़ित बुजुर्ग के बेटे का कारोबार दुबई में है और वह अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं, जबकि उनकी बेटी सिंगापुर में रहती हैं। पुलिस की जांच से यह खुलासा हुआ है कि जालसाजों ने कुल 10.30 करोड़ रुपये की ठगी को सात अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया। इसके बाद आरोपियों ने इन खातों से पैसे निकालकर करीब 1500 अन्य खातों में पैसे ट्रांसफर किए। पुलिस ने अब तक कई खातों को फ्रीज कर दिया है, जिनमें करीब 60 लाख रुपये जमा हैं। अधिकारियों के मुताबिक जालसाजों ने इस ठगी को कंबोडिया, फिलीपींस और ताइवान से फोन कॉल्स के जरिए अंजाम दिया। इन देशों से जालसाज भारतीय नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर ठग रहे हैं और भारत में लोगों से भारी रकम वसूल रहे हैं। वहीं पुलिस ने लोगों से यह अपील की है कि वे किसी भी अजनबी के फोन कॉल पर विश्वास न करें और अपनी बैंकिंग जानकारी कभी भी किसी से साझा न करें। अगर किसी को इस तरह की किसी ठगी का सामना हो, तो तुरंत नजदीकी साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।