KNEWS DESK- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर दिल्ली में भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘बिरसा मुंडा चौक’ कर दिया गया। यह ऐतिहासिक घटना दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश के आदिवासी समुदाय की महत्ता को उजागर करती है।
इस मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा, “आज हम बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं। यह साल आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा, और उनका नाम हमेशा भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।”
अमित शाह ने आगे कहा, “भगवान बिरसा मुंडा का जन्म एक छोटे से गाँव में हुआ था, लेकिन उन्होंने न केवल अपने समय के खिलाफ विद्रोह किया, बल्कि पूरे देश को धर्मांतरण के खिलाफ खड़ा होने का संदेश भी दिया। 1875 में जब वे माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, तब उन्होंने अंग्रेजों और उनके धर्मांतरण के षड्यंत्रों का विरोध किया। उस समय जब दुनिया के अधिकांश हिस्से पर अंग्रेजों का शासन था, बिरसा मुंडा ने अपने साहस और नेतृत्व से यह साबित किया कि असल महानायक वही होते हैं जो समाज की आस्था और संस्कृति की रक्षा करते हैं।”
भगवान बिरसा मुंडा, जिनकी जयंती इस वर्ष विशेष रूप से मनाई जा रही है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उनके संघर्ष और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी, और वे आदिवासी समुदायों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने।
इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा, “आज के दिन हम भगवान बिरसा मुंडा के साहस और संघर्ष को याद करते हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक अधिकारों से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों से भी जुड़ी होती है।”
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इस पहल को सराहा और कहा कि यह कदम आदिवासी समुदाय के लिए गर्व का विषय है। उनका मानना है कि इससे देश में आदिवासी समाज के प्रति सम्मान और सशक्तिकरण की भावना को बल मिलेगा।
सराय काले खां चौक का नाम परिवर्तन
सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘बिरसा मुंडा चौक’ रखने की यह पहल सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो आदिवासी समुदायों के योगदान को मान्यता देने और उन्हें सम्मान देने के लिए की जा रही है। यह कदम न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में आदिवासी समाज के प्रति सम्मान और गौरव की भावना को मजबूत करेगा।
भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण और चौक का नाम परिवर्तन देश की युवा पीढ़ी को उनके संघर्ष और बलिदान के प्रति जागरूक करेगा, जिससे आदिवासी समुदाय की भूमिका और योगदान भारतीय समाज में और भी अधिक सराहा जाएगा।
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