KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने और दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया को और भी सुगम बनाने के लिए एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना के तहत, राज्य में पहली बार ‘निबंधन मित्र’ नामक पद की नियुक्ति की जाएगी, जिससे न केवल लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया को भी डिजिटलीकृत और अधिक पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। यह पहल देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग साबित होने जा रही है।
क्या है ‘निबंधन मित्र’ योजना?
‘निबंधन मित्र’ एक ऐसा नया विकल्प होगा, जो वर्तमान में रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज़ तैयार करने के लिए उपलब्ध तीन विकल्पों—स्वयं स्टांप डीड तैयार करना, किसी अधिवक्ता की मदद लेना, या डीड राइटर से सहायता प्राप्त करना—में चौथा विकल्प जोड़ेगा। निबंधन मित्र रजिस्ट्री के दस्तावेज़ों को तैयार करेंगे और इस प्रक्रिया के लिए उन्हें सरकार द्वारा एक यूनीक आईडी नंबर और लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार द्वारा उन्हें दस्तावेज़ तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाना है, बल्कि इससे राज्य में रोजगार के बड़े अवसर भी उत्पन्न होंगे। अनुमान है कि इस योजना से न्यूनतम 20,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा, जिसमें महिलाओं की अच्छी-खासी संख्या भी शामिल होगी। खास बात यह है कि यह योजना न केवल रोजगार सृजन करेगी, बल्कि यह देशभर में पहली बार लागू हो रही एक अनूठी पहल होगी।
निबंधन मित्र बनने के लिए पात्रता
निबंधन मित्र बनने के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएट होनी चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवार के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दायर नहीं होना चाहिए। प्रशिक्षण के बाद, निबंधन मित्रों को सरकार द्वारा लाइसेंस दिया जाएगा, और उन्हें हर साल कम से कम पांच रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करनी होगी, ताकि उनका लाइसेंस वैध रहे।
सरकार द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके मुताबिक एक रजिस्ट्री डीड तैयार करने के लिए एक निश्चित शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क को रजिस्ट्री मूल्य का एक प्रतिशत या दो हजार रुपये (जो भी कम हो) के रूप में तय किया जाएगा। इसके अलावा, दस्तावेज़ की जांच करने के लिए 50 रुपये प्रति दस्तावेज़ शुल्क लिया जाएगा।
निबंधन मित्र की जवाबदेही
निबंधन मित्र की जवाबदेही भी तय की जाएगी। हर रजिस्ट्री से पहले उन्हें संबंधित संपत्ति का भौतिक परीक्षण करना होगा। यदि किसी निबंधन मित्र के द्वारा साल भर में पांच गलत डीड पाई जाती हैं, तो उसे नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद, उसे जवाब देने के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को सूचना देनी होगी, और यदि आवश्यक हुआ तो वह अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए आईजी स्टांप को भी नोटिस का जवाब देंगे।
घर से काम करने की सुविधा
निबंधन मित्र के लिए कचहरी में किसी ऑफिस की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे अपने घर से भी यह काम कर सकेंगे। इस कारण, न केवल उनका समय और पैसा बच पाएगा, बल्कि कचहरी में लगने वाली भीड़ भी कम हो जाएगी। यह कदम न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया को भी सरल बनाएगा।
रोजगार के अवसर और आर्थिक लाभ
यूपी में हर साल लगभग 38 लाख स्टांप पंजीकरण होते हैं, जिसमें आधी संख्या रजिस्ट्री डीड की होती है। यदि प्रत्येक निबंधन मित्र साल में पांच रजिस्ट्री पूरी करता है, तो उसकी अनुमानित वार्षिक आय लगभग तीन लाख रुपये तक हो सकती है। खासकर महिलाओं के लिए यह योजना एक बेहतरीन रोजगार का अवसर साबित हो सकती है, क्योंकि घर से काम करने की सुविधा उन्हें कामकाजी जीवन और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी।
भविष्य के प्रभाव
इस पहल से जहां एक तरफ युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया में भी पारदर्शिता और गति आएगी। रजिस्ट्री से जुड़ी प्रक्रिया को डिजिटल रूप से सरल बनाने के कारण कचहरी की भीड़ कम होगी और लोग कम समय में अपनी रजिस्ट्री पूरी कर पाएंगे। इसके अलावा, महिलाओं को घर बैठे रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
सरकार ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है, और इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। अगर यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में एक नई दिशा और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
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