KNEWS DESK- दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उन्होंने सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। इस याचिका में केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी है और सत्र न्यायालय के आदेश में संशोधन की मांग की है।
सत्र न्यायालय का आदेश और समन की चुनौती
अरविंद केजरीवाल ने याचिका में यह आरोप लगाया था कि सत्र न्यायालय ने उनके खिलाफ समन जारी कर दिया, जबकि उन्होंने ईडी द्वारा पहले भेजे गए नोटिस के बावजूद अदालत में पेश होने से इन्कार किया था। केजरीवाल का कहना है कि इस फैसले में कई कानूनी खामियां हैं, और उन्होंने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सत्र न्यायालय के फैसले के बाद केजरीवाल ने उच्च न्यायालय से इस मामले में राहत की उम्मीद जताई थी, लेकिन पहले की सुनवाई में उनका अनुरोध खारिज कर दिया गया था। इसके बाद, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है।
ईडी का विरोध और हाईकोर्ट की सुनवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस याचिका का विरोध करते हुए उच्च न्यायालय में कहा कि केजरीवाल द्वारा समन के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज किया जाना चाहिए, क्योंकि वे पहले ही कई बार ईडी के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी कर चुके थे। ईडी ने अदालत से अनुरोध किया था कि समन जारी करने का फैसला सही था और इसमें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए।
अब हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को निर्धारित की है, जब अदालत इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
केजरीवाल का आरोप और राजनीतिक पृष्ठभूमि
अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उनका कहना है कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, जबकि उन्होंने हमेशा अपनी सरकार और पार्टी की तरफ से पारदर्शिता और ईमानदारी की बात की है। केजरीवाल के खिलाफ यह समन उस समय जारी किया गया था, जब ईडी ने कथित भ्रष्टाचार के मामलों में जांच शुरू की थी। इन मामलों में दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं का नाम शामिल है।