KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार से अपनी चुनावी प्रचार यात्रा शुरू कर दी है। इस दौरान वे लगातार तीन दिन तक प्रदेश की विभिन्न सीटों पर चुनावी सभा और रोड शो करेंगे। मुख्यमंत्री का यह प्रचार अभियान पहले दौर का है, जिसमें वे एक दिन में तीन-तीन सीटों पर जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
पहले दिन का कार्यक्रम: पश्चिमी यूपी में चुनावी दस्तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनावी दौरा आज, शुक्रवार से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ। पहले दिन वे गाजियाबाद, मीरापुर और कुंदरकी में चुनावी सभाएं और रोड शो करेंगे। इन तीन सीटों पर मुख्यमंत्री की चुनावी यात्रा की शुरुआत होगी, जहां वे बीजेपी की नीतियों और राज्य सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाएंगे।
गौरतलब है कि उपचुनावों की घोषणा से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सीटों पर गैर-चुनावी सभाएं कर चुके हैं, जिनमें उन्होंने कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं को रोजगार मेला के माध्यम से नियुक्ति पत्र भी बांटे थे, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया था। अब चुनाव की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री का प्रचार अभियान तेज हो गया है।
दूसरे दिन: मध्य यूपी में चुनावी सभा
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनावी अभियान मध्य उत्तर प्रदेश के इलाकों में जारी रहेगा। इस दिन वे करहल, खैर और सीसामऊ सीटों पर चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। इन सीटों पर बीजेपी के लिए जीत हासिल करना महत्वपूर्ण होगा, और मुख्यमंत्री इस दौरान पार्टी के चुनावी मुद्दों को मजबूती से पेश करेंगे।
तीसरे दिन: पूर्वी यूपी में मुख्यमंत्री का प्रचार
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रचार अभियान पूर्वी उत्तर प्रदेश में होगा। इस दिन वे कटेहरी, फुलपुर और मझंवा सीटों पर चुनावी रैलियां करेंगे। इन तीनों सीटों पर चुनावी माहौल में बढ़ती सियासी गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री का संदेश साफ होगा—बीजेपी सरकार की नीतियां ही विकास और सुरक्षा का सबसे भरोसेमंद रास्ता हैं।
उपचुनावों में बीजेपी की रणनीति
यह उपचुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं, क्योंकि 20 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होना है। चुनावी प्रचार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी जुटे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक पहले ही सभी 9 सीटों पर एक चक्र का चुनावी कार्यक्रम कर चुके हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार के 30 मंत्रियों की टीम और बीजेपी के प्रदेश संगठन के पदाधिकारी भी प्रचार के मैदान में उतर चुके हैं।
बीजेपी के प्रचार अभियान में खास ध्यान प्रदेश सरकार के विकास कार्यों, बेरोजगारी की समस्या के समाधान, और कानून-व्यवस्था पर होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में विपक्षी दलों की नीतियों और सरकार की उपलब्धियों को उजागर करेंगे।
उपचुनावों का राजनीतिक महत्व
उत्तर प्रदेश में इन उपचुनावों का राजनीतिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि ये विधानसभा चुनावों से पहले जनता के मूड का संकेत देने वाले हो सकते हैं। बीजेपी के लिए यह उपचुनाव सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह अपनी ताकत दिखाने का अवसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनावी दौरे के बाद उपचुनाव में तेजी से सियासी समीकरण बदल सकते हैं, और यह तय करेगा कि प्रदेश की जनता आगामी समय में किस पार्टी को अपनी चुनौतियों का समाधान मानती है।
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