KNEWS DESK – सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े एक अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक बार सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद, उस प्रक्रिया के तहत निर्धारित नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक नियुक्ति मामले पर सुनाया। इस फैसले ने सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समानता के अधिकार की महत्वपूर्ण व्याख्या की है।
क्या था मामला
यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में 13 अनुवादक पदों की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा था। इन पदों के लिए उम्मीदवारों को पहले एक लिखित परीक्षा देनी थी, उसके बाद पास हुए उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना था। इस प्रक्रिया में कुल 21 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से केवल तीन उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया |हालांकि, बाद में यह जानकारी सामने आई कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इस भर्ती में एक नया नियम लागू किया था, जिसके तहत केवल वे उम्मीदवार जिन्हें इंटरव्यू होने के बाद 75% क्वालीफाइंग नंबर पर ही नियुक्ति का नियम बना दिया गया था। यह नया मानदंड भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने के बाद लागू किया गया, जबकि पहले इसका कोई उल्लेख नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी संवैधानिक पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले में कहा कि जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो उस समय निर्धारित नियमों को बीच में बदला नहीं जा सकता है। यदि नियमों में बदलाव किया जाता है, तो उसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के तहत न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि “यदि भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों में बदलाव होता है, तो यह समानता के अधिकार का उल्लंघन कर सकता है, और इस तरह के बदलावों को न्यायिक समीक्षा की कसौटी पर खरा उतरना जरूरी होता है।” अदालत ने यह भी कहा कि “भर्ती प्रक्रिया आवेदन पत्र से शुरू होती है और पदों पर नियुक्ति के साथ समाप्त होती है। इन दोनों के बीच नियमों में बदलाव नहीं हो सकता।”
सुनवाई के बाद अपना ऐतिहासिक निर्णय
यह मामला तब शुरू हुआ जब 75 प्रतिशत अंक के मानदंड के बाद, जिन तीन उम्मीदवारों का चयन हुआ, उन्होंने याचिका दायर की। उनके अनुसार, एक बार जब खेल के नियम तय हो चुके थे, तो बाद में उन नियमों में बदलाव करना अनुचित था। उन्होंने यह तर्क दिया कि भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव करने से उनका अधिकार प्रभावित हुआ है।
इन उम्मीदवारों ने पहले राजस्थान हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद, वे सुप्रीम कोर्ट गए थे, जहाँ उन्होंने यह मामला उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विस्तृत सुनवाई के बाद अपना ऐतिहासिक निर्णय सुनाया।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में यह संदेश दिया कि सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। भर्ती के दौरान नियमों में कोई भी बदलाव उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है और इससे पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती में किसी भी प्रकार का बदलाव उम्मीदवारों के हित में होना चाहिए और यह बदलाव समानता के अधिकार (Article 14) के तहत उचित और न्यायसंगत होने चाहिए।